कानपुर में घात लगाकर आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद गैंगस्टर विकास दुबे को लापता हुए 48 घंटे से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी भी पुलिस के हाथ खाली है। राज्य पुलिस के पास अभी तक उसके ठिकाने को लेकर कोई अहम सुराग नहीं है।
आठ पुलिसकर्मियों का हत्यारा विकास पुलिसवालों की हत्या के बाद उनके शव को गांव में ही चौराहे पर जलाना चाहता था। एक खुलासे के मुताबिक विकास दुबे गुरुवार की रात आठों पुलिस वालों की मौत के बाद उनके शव को गांव में ही चौराहे पर जलाना चाहता था।
विकास दुबे की क्रूरता-
गुरुवार को पुलिस वालों की हत्या की खबर मिलने के बाद जब पुलिसकर्मी वहां पहुंचे तो पुलिस वालों के शव एक के ऊपर एक पड़े हुए थे। सभी शवों को जलाने के लिए घर में मौजूद ट्रैक्टर से तेल निकाला जा रहा था।
लेकिन तभी पुलिस की दूसरी टीम मौके पर पहुंच गई और बदमाश वहां से भाग निकले। गांव में विकास का खौफ ऐसा था कि किसी ने भी उसके खिलाफ मुंह खोलने की हिम्मत नहीं जुटाई। पुलिस, गांव वालों से पूछती रही लेकिन सब चुपचाप रहे।
दबिश की खबर मिलते ही पुलिस टीम को भिजवाई थी धमकी-
जानकारी के मुताबिक, कानपुर में विकास दुबे ने दबिश की खबर मिलने पर पुलिस टीम को धमकी भिजवाई थी। इस धमकी में उसने का था कि कि अगर पुलिस उसे पकड़ने आती है तो वह बागी हो जाएगा, लेकिन पुलिस ने इस धमकी को गंभीरता से नहीं लिया।
एसपी ग्रामीण और एसएसपी दोनों नए थे और एसओ को भी विकास के बारे में अंदाजा नहीं था। ऐसे में मुठभेड़ के लिए भी कम पुलिस फोर्स गई थी। यही वजह थी कि मौके पर पहुंची पुलिस जेसीबी से रास्ता रोकने पर भी बदमाशों का इरादा नहीं भांप पाई थी।
पुलिस पूरी तरह तैयार नहीं थी। अचानक हुए हमले में पुलिस की टीम न मोर्चा ले पाई और न मानसिक रूप से तैयार थी। विकास दुबे ने गांव वालों से बोला था कि आज दुश्मन हमला करने आ सकते हैं।
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