#अयोध्या : धर्मसभा में बोली VHP एक इंच जमीन नहीं देंगे

0

अयोध्या में चल रही धर्मसभा में वीएचपी (VHP) के अंतरराष्ट्रीय सचिव चम्पत राय ने बड़ा बयान दिया है। कहा है कि हमें पूरी की पूरी जमीन चाहिए हम एक इंच जमीन नहीं देगे। जमीन के साथ बटवारा बर्दास्त नहीं है। वीएचपी ने कहा कि विवादित जगह पर नमाज पढ़ने नहीं देंगे। अब हमारे सब्र का इम्तिहान न ले, राम मंदिर के लिए हमें पूरी जमीन चाहिए।

अयोध्या एक बार फिर सियासी अखाड़ा बन गई है। शिवसेना प्रमुख शनिवार से रामनगरी में डेरा डाले हुए हैं। भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद की अगुवाई में होने वाली धर्मसभा राम की नगरी में शुरू हो चुकी है। धर्म सभा में शामिल होने के लिए शनिवार से ही साधु-संतों और रामभक्तों के आने का सिलसिला जारी है।

Also Read :  #अयोध्या मामले में बोले शिवपाल, सरकार को करो तुरंत बर्खास्त

माहौल को देखते हुए सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे।धर्मसभा को संबोधित करते हुए वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय सचिव चम्पत राय ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए हमें पूरी जमीन चाहिए और जमीन बंटवारे का कोई भी फार्मूला मंजूर नहीं होगा। चम्पत राय ने आगे कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को जमीन के मालिकाना हक का केस वापस ले लेना चाहिए।

कारसेवकपुरम में बड़े भक्तमाल की बगिया में इकट्ठा हो चुके हैं

और वीएचपी इस जमीन पर नामज नहीं होने देगी। बता दें कि राम मंदिर पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने फैसले में विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटा था। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ता देश भर से बसों और ट्रेनों के जरिए धर्म सभा में हिस्सा लेने के लिए अयोध्या के कारसेवकपुरम में बड़े भक्तमाल की बगिया में इकट्ठा हो चुके हैं।

इस सभा में आरएसएस के 1 लाख और वीएचपी के 1 लाख कार्यकर्ताओं के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है. सिर्फ वाराणसी से 10000 बजरंगी (बजरंग दल) आयोध्या पहुंच रहे हैं। वीएचपी की धर्म सभा से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सुबह साढ़े 9 बजे के लगभह रामलला के दर्शन किए। दर्शन कर वे सीधे होटल लौट गए। धर्मसभा से पहले अयोध्या में सुरक्षा के चाक चौबंद बढ़ा दिए गए हैं।

 

वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र जैन के मुताबिक रविवार को होने वाली धर्म सभा के बाद आरएसएस और वीएचपी के प्रतिनिधि सभी दलों के नेताओं से मुलाकात करना शुरू करेंगे और राम मंदिर पर कानून लाने के लिए समर्थन मांगेंगे. प्रयाग में 31 जनवरी और 1 फरवरी को होने वाली धर्म सभा के समापन के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए सभी शहरों के मंदिरों में प्रार्थना और यज्ञ का आयोजन होगा। बड़ी संख्या में साधु-संतों और लाखों कार्यकर्ताओं के अयोध्या पहुंचने पर उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा बहुस्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसमें 70 हजार पुलिस जवान तैनात किए गए हैं।

6 दिसंबर 1992, बाबरी विध्वंस की याद अयोध्या में रहने वाले अल्पसंख्यकों के जेहन में अभी भी ताजा है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कई अल्पसंख्यक परिवारों के अयोध्या छोड़ने और दूसरे शहरों में रिश्तेदारों के यहां शरण लेने की खबरें भी आ रहीं हैं।  लिहाजा अल्पसंख्यक समाज इस धर्म सभा से निकलने वाले संदेश और इसके परिणाम को लेकर सशंकित हैं।

Also Read : #अयोध्या : हिंदुत्‍व ना मार खाएगा और ना ही चुप रहेगा- उद्धव ठाकरे

इससे पहले शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंचे और साधु-संतों से मुलाकात की। शिवसैनिकों और साधु संतों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे राम मंदिर निर्माण का श्रेय नहीं चाहिए। मुझे राम मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए. हम सब मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे।

सब साथ आएंगे, तो राम मंदिर जल्द बनेगा.रविवार होने वाली इस धर्म सभा में 3 लाख कार्यकर्ताओं के शामिल होने का दावा किया जा रहा हैं. इसके अलावा मंच पर 100-150 साधु-संत विराजमान होंगे और तकरीबन 50-60 लोगों का संबोधन होगा. मंच पर शामिल होने वालों में अहम संतों में जगतगुरु रामानंदाचार्य, स्वामी हंसदेवाचार्य, रामभद्राचार्य, रामेश्वर दास वैष्णव, राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास का नाम शामिल है. बता दें कि इस धर्म सभा में किसी नेता के शामिल होने की अनुमति नहीं है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More