टेक्नीशियन बगैर ‘वेंटिलेटर’ बेड, कैसे हो इलाज?
विगत कुछ महिनों में देश में कोरोना बेकाबू हो चूका है. उत्तर प्रदेश कोरोना संक्रमण के बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा है. ऐसे में कई बार कोरोना के बढ़ते प्रकोप और अस्पतालों में व्यवस्था को लेकर कई बड़े-बड़े सवाल उठे है. ऑक्सीजन बीएड की कमी, वेंटीलेटर की कमी और दवाइयां न मिलने पर सूबे में हाहाकार मचा हुआ है. कारण यही रहा जिसकी वजह से कोरोना संक्रमित दम तोड़ दे रहे है, ऐसे में संसाधनों और सिस्टम पे सवाल उठाना लाज़मी है.
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PM केयर्स फण्ड से आए थे वेंटीलेटर
कोरोना की पहली लहर में ही PM केयर्स फण्ड के पैसे से प्रदेश में कई Covid अस्पतालों को वेंटीलेटर बेड दिए गए थे. लेकिन अभी तक इसे पूरी तरीकें से चालु नहीं किया जा सका. आज की स्थिति ये है कि वेंटीलेटर बेड होने के बावजूद भी कोरोना पेशेंट की मदद नहीं हो पा रही है. विडंबना ये है कि वेंटीलेटर बेड तो है लेकिन आज तक इन्हें इंस्टाल नहीं किया जा सका, और ऑपरेटर का भी कोई पता नहीं है. प्रशिक्षित कर्मचारियों ने इसे इंस्टाल करना ज़रूरी नहीं समझा, जिसकी वजह से त्राहिमाम मचा हुआ है.
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आकड़ों में समझिये इन जिलों की हालत
1) लखनऊ: शहर में करीब 40 से ज्यादा वेंटीलेटर बेड है लेकिन इन्हें अभी तक उपयोग में नहीं लाया जा सका. रामसागर मिश्र अस्पताल, लोकबन्धु अस्पताल और बलरामपुर से जैसे कुछ अस्पतालों में वेंटीलेटर ऑपरेटर भी नहीं है. कोरोना की पहली लहर के बाद जब सब कुछ शांत हुआ तब अफसरों ने इनके प्रशिक्षण में दिलचस्पी नहीं दिखाई जिसकी वजह से आज हालत बद से बदत्तर हो चूँकि है. आलम ये है कि जहाँ अस्पतालों में व्यवस्था बढ़नी चाहिए थी वहा श्मशान घाट बनाए जा रहे है.
2) आगरा: जिले के एमएन अस्पताले में 84 वेंटीलेटर चालु हालत में है जिनके लिए 9 ओपेरटोर रखे गए है. ये तीन शिफ्ट में काम करते है, जिसकी वजह से जूनियर डॉक्टर को इसे चलाना पड़ता है. पूरे अस्पताल ने 168 वेंटीलेटर है लेकिन सिर्फ 84 ही कार्यरत है. अस्पताल में ऑपरेटर और जूनियर स्टाफ की भारी कमी है.
3) मेरठ: जिलें में सरकारी निजी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज मिलाने के बाद 172 वेंटीलेटर बेड है जोकि PM केयर्स फण्ड से आए थे. लेकिन अब इन्हें चलाने वाले ओपेरटर नहीं है.
4) प्रयागराज: SRN अस्पताल में 230 वेंटीलेटर है जिसमे से 15 अभी खाली है. वही बेली हॉस्पिटल में 37 है जहाँ 13 इस समय खाली है. ऑपरेटर की कमी से अस्पताल में जैसे तैसे काम चलाया जा रहा है. प्रशासन का दावा है कि सारे वेंटीलेटर बेड का इस्तेमाल किया जा रहा है.
5) भदोही: कुल मिलकर जिले में 23 वेंटीलेटर बेड है. एक बेड जीवनदीप अस्पताल में लगाया गया है बाकी L-2 अस्पताल में लगाया गया है. हलाकि यहाँ पे एक बेड का भी इस्तेमाल नहीं किया जा सका. अस्पताल प्रबंधक का कहना है कि बाईपास से कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है.
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