वाराणसी : सुबह चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस गई खाली वहीं शाम वाली में भीड़ भारी

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प्रधानमंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद देश की सेमी हाईस्पीड ट्रेन नई वंदे भारत के दोनों श्रेणियों में सीटें खाली रहीं. अधिकतर सीटें खाली ही नई दिल्ली जा रही हैं. वहीं, अपराह्न तीन बजे खुलने वाली पुरानी वंदे भारत में सीट के लिए मारामारी मची है. दोनों श्रेणियों में हफ्ते भर तक की वेटिंग है.

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नई वंदेभारत में खाली सीटों के साथ चल रही ट्रेन

नई वंदे भारत ट्रेन सुबह छह बजे कैंट स्टेशन से खुलती है. इसके बाद प्रयाराज, कानपुर के रास्ते नई दिल्ली को जाती है. कैंट स्टेशन स्थित आरक्षण केंद्र के कर्मियों के अनुसार सुबह की 22415/22416 वंदे भारत के चेयरकार और एग्जिक्यूटिव क्लास में अगले एक हफ्ते तक सीटें उपलब्ध हैं. वहीं शाम वाली ट्रेन पूरी तरह से आरक्षित है. बता दें कि कैंट स्टेशन से दोनों वंदे भारत का संचालन किया जा रहा है.

प्रयागराज, कानपुर और दिल्ली तक की सीटें दहाई की संख्या में उपलब्ध हैं. अपराह्न तीन बजे खुलने वाली 22435/22436 वंदे भारत के चेयरकार में 31 दिसंबर तक 37 वेटिंग और एग्जिक्यूटिव क्लास में पांच वेटिंग है.

दोपहर की वंदे भारत में आरक्षित हैं सारी सीटें

पुरानी वंदे भारत ट्रेन में नई दिल्ली से बनारस वापसी का सफर आसान नहीं है. अपराह्न तीन बजे खुलने वाली 22435/22436 वंदे भारत के चेयरकार में 31 दिसंबर तक 37 वेटिंग और एग्जिक्यूटिव क्लास में पांच वेटिंग है. जहां नई वाली में तमाम सीटें खाली हैं वहीं पुराने वाली वंदे भारत में सीट मिलने में कठिनाई हो रही है. नई वाली वंदे भारत नई दिल्ली से अपराह्न तीन बजे खुलती है और रात 11 बजे बनारस पहुंचाती है. जबकि पुरानी वाली वंदे भारत नई दिल्ली से सुबह छह बजे खुलती है और दो बजे कैंट स्टेशन पहुंचती है.

नई ट्रेन 16 कोच की है. 14 कोच चेयरकार और दो कोच एग्जिक्यूटिव क्लास की है. वहीं पुरानी वाली ट्रेन में भी 16 कोच हैं.

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