Varanasi: दो हजार घूस लेने के दोषी पूर्व चिकित्साधिकारी का तीन साल की सजा
साल 2001 में सतर्कता अधिष्ठान ने विभागीय कर्मी से पैसा लेते रंगे हाथ था दबोचा
Varanasi: चिकित्सकीय अवकाश तथा वेतन एरियर अग्रसारित करने के बदले में विभागीय कर्मी से दो हजार रुपये घूस लेने के मामले में तीन साल की कैद व अर्थदंड से दंडित किया गया है. मंगलवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) अवनीश गैतम की अदालत ने दोषी नगरीय मलेरिया इकाई चौकाघाट के सेवानिवृत्त चिकित्साधिकारी ओम प्रकाश जायसवाल को तीन वर्ष की कैद और 40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. अभियोजन पक्ष की ओर से एडीजीसी आलोक श्रीवास्तव ने पक्ष रखा.
विभागीय कर्मचारी ने की थी शिकायत
नगरीय मलेरिया इकाई चौकाघाट में संत बहादुर सिंह उच्च क्षेत्र सेवक पद पर कार्यरत था. उन्होंने चिकित्सा अवकाश और बाह्य प्रतीक्षा काम के 63 दिनों के वेतन एरियर के भुगतान के लिए वेतन बिल अग्रसारित करने का जैतपुरा के डिगिया निवासी प्रभारी चिकित्साअधिकारी डॉ ओम प्रकाश जायसवाल से निवेदन किया था. संत बहादुर के बार बार कहने पर वेतन बिल तो डॉ ओमप्रकाश ने तैयार करा दिया लेकिन अग्रसारित करने के एवज में दो हजार रुपये रिश्व त देने का उस पर दबाव बनाने लगे. संत बहादुर ने इस संबंध में 6 नवंबर 2001 को सतर्कता अधिष्ठान वाराणसी के एसपी के यहां शिकायती प्रार्थना पत्र दिया.
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ट्रैप पार्टी ने रंगे हाथ पकडा
प्रार्थना पत्र की जांच के बाद पांच दिसंबर 2001 को सतर्कता अधिष्ठान की ट्रैप टीम ने आरोपित को रंगे हाथ दबोचने की रणनीति बनायी. इसी रणनीति के तहत टीम ने डॉ ओमप्रकाश जायसवाल को क्लिनिक पर शिकायत कर्ता से दो हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. ट्रैप पाटी ने जैतपुरा थाने में मकदमा दर्ज कराने के साथ आरोपित चिकित्साधिकारी को जेल भेज दिया. सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से आठ गवाह परीक्षित कराये गये. फैसला सुनाये जाते समय 78 वर्षीय दोषी सेवानिवृत्तत चिकित्साधिकारी को ह्वील चेयर से अदालत पहुंचाया गया था.