Varanasi: बम ब्लास्ट में भी सुरक्षित रहेगा यह मार्ग…

एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए बाबतपुर में बनेगा 6 लेन टनल

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Varanasi: लोकसभा चुनाव के बाद उम्मीद है कि वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरार्ष्ट्रीय एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के लिए बाबतपुर में टनल परियोजना पर काम शुरू हो जाएगा. बनारस – लखनऊ नेशनल हाईवे पर बनने वाले इस टनल को NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ) सुरक्षित बनाने के लिए ब्लास्ट प्रूफ तकनीक का इस्तेमाल करेगा. ताकि अगर बम ब्लास्ट भी हो तो उस स्थिति में टनल और उसके ऊपरी हिस्से को कोई भी नुकसान ना पहुंचे और वह पूरी तरह से सुरक्षित रहे.

दक्षिण भारत में हो चुका है इस तकनीक का इस्तेमाल

आपको बता दे कि इसके लिए बनने वाली सड़क भले ही 4 लेन की क्यों न हो लेकिन टनल 6 लेन की ही बनेगी. इसका कारण यह हैं अगर कभी भविष्य में सड़क का विस्तार कर उसे 6 लेन का बनाया जाए तब टनल की चौड़ाई को बढ़ने की जरुरत ना पड़े. इसके साथ ही आपको बता दे कि दक्षिण भारत में ब्लास्ट प्रूफ तकनीक को पहले ही आजमाया जा चुका है.

कौन सी कंपनी पूरी करेगी यह प्रोजेक्ट

राजस्थान के जयपुर की CEG कंपनी को 500 मीटर लम्बे टनल का डिज़ाइन बनाने के लिए कार्य सौंप दिया गया है. इसके साथ ही कंपनी ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है और इसके DPR पर भी काम शुरू कर चुकी है. लेकिन अभी भी इस परियोजना में कुछ अड़चने और उलझन जमीन और बजट को लेकर बनी हुयी है. आपको बता दें कि इस टनल को बनेने के लिए NHAI ने एयरपोर्ट अथॉरिटी से करीब 550 करोड़ रुपये का बजट का प्रस्ताव रखा है.

सुरक्षा का रखा जाएगा विशेष ध्यान

निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का ख़ास ध्यान रखते हुए इसके निर्माण का कार्य भी लोकसभा चुनाव के बाद शुरू किया जाएगा. जून में बजट ट्रांसफर की प्रक्रिया पूरी करने का अनुमान है. हाईवे पर टनल बनाने का मुख्य उद्देश्य है कि एयरपोर्ट का विस्तारीकरण हो जाए ताकि आने जाने वाले यात्रियों कोई भी असुविधा ना हो.

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हाईवे को शिफ्ट करना मुश्किल

बता दें कि इस टनल को बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी बहुत तेजी से चल रही है. लेकिन दिक्कत यह हैं कि अभी एयरपोर्ट की चहारदीवारी के ठीक बगल से ही हाईवे गुजर रहा है. ऐसे में हाईवे को शिफ्ट करना मुश्किल लग रहा है. इसीलिए टनल परियोजना पर सबकी सहमति बनी है. दूसरी ओर NHAI ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए शासन को पत्र भी दिया है. हालांकि ये प्रोजेक्ट बहुत बड़ा है तो इसका आर्थिक स्वरुप तय किया जाना भी बहुत जरुरी है.

written by – Harsh Srivastava

 

 

 

 

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