गंगा किनारे लहलहाती स्ट्रॉबेरी की फसल, बेरोजगारों के लिए बनी नजीर…
वाराणसी में परंपरागत खेती से हटकर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू की गयी है। खेती करने वाले युवा लॉकडाउन के दौरान नौकरी जाने के बाद आपदा को अवसर में बदलते हुए स्ट्रॉबेरी की खेती करनी शुरू कर दी।
कोरोना काल ने बहुत से लोगों को बेरोजगार कर दिया था। वाराणसी के युवाओं ने आपदा को अवसर में बदलते हुए एक एकड़ जमीन पर स्ट्रॉबेरी की खेती शुरू कर दी।
पुणे में मिला आईडिया-
खेती करने वालों को स्ट्रॉबेरी की खेती का आइडिया पुणे से मिला। इनका मानना है कि जब स्ट्रॉबेरी की खेती पुणे में हो सकती है, तो यह वाराणसी में क्यों नहीं।
इनके द्वारा शुरू की गई आधुनिक खेती वाराणसी के साथ ही आसपास के जिलों के लिए नजीर बन गई है। यही वजह है कि लोग यहां आते हैं, इनकी खेती को देखते हैं और इनसे जानकारियां प्राप्त करते हैं।
गंगा किनारे स्ट्रॉबेरी की फसल-
गौरतलब है कि स्ट्रॉबेरी की खेती आम तौर पर पहाड़ी क्षेत्र में होती है पर अब गंगा के किनारे भी स्ट्रॉबेरी की फसल लहलहाती हुई देखने को मिलेगी जिससे आने वाले दिनों में बनारस सहित आस पास के युवा अब परंपरागत खेती से अलग खेती करते हुए देखने को मिलेंगे।
साथ ही लोग स्ट्रॉबेरी की खेती की तरफ प्रेरित भी हो रहे है।
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