वाराणसी: बीएचयू में गैंगरेप को लेकर प्रदर्शन करने वाले छात्रों के निलंबन का विरोध, सौंपा ज्ञापन
बीएचयू विश्वविद्यालय प्रशासन गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर कार्रवाई कर रहा
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में पिछले दिनों आईआईटी की छात्रा संग गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों के निलंबन के विरोध में गुरुवार को छात्रों ने अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा. कार्यालय कुलसचिव की तरफ से इन छात्रों को नोटिस भेजा गया है. जिसमें स्टैंडिंग कमेटी की संस्तुति पर 12 छात्रों को निलंबित किया गया है.
बता दें कि नवंबर 2023 को IIT-BHU कैंपस में गैंगरेप की शर्मनाक वारदात हुई थी. इस घटना के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किया था. इस प्रदर्शन का उद्देश्य दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और ऐसी घटनाओं के रोकथाम के लिए प्रभावी व्यवस्था बनाना था. ऐसा छात्रों का कहना था.
विश्वविद्यालय प्रशासन कर रहा कार्रवाई
इसके बाद अब विश्वविद्यालय प्रशासन गैंगरेप के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर कार्रवाई कर रहा है. वहीं बताया यह जा रहा है कि इस इस पूरे घटनाक्रम में अभी भी बीएचयू प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई के लिए गंभीर नहीं था, जिसके खिलाफ छात्र प्रर्दशन कर रहे थे. इसी क्रम में आज 10 की संख्या में छात्र केंद्रीय कार्यालय पहुंचे. जहां सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को रोक लिया. इसके बाद छात्रों द्वारा सुरक्षा अधिकारियों को ज्ञापन सौंप दिया गया.
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छात्रों की मांग –
अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए बनाई गयी स्टैंडिंग समिति का term of reference हमारे मांगने के बाद भी नहीं दिया गया. इस समिति ने बिना किसी नोटिस और घटना की जानकारी के हमें पूछताछ के लिए बुलाया.
पूछताछ के दौरान कोई विस्तृत बातचीत नहीं हुई. यह कार्रवाई किसी जाँच पर आधारित नहीं है बल्कि नाटकीय अंदाज में की गयी कार्रवाई है जिसकी स्क्रिप्ट पहले लिखी जा चुकी थी.
कार्रवाई का आधार तथाकथित मारपीट को बताया जा रहा है जबकि ABVP द्वारा हमारे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर सुनियोजित हमला किया गया था. लेकिन प्रशासन पूरी तरह से ABVP के साथ खड़ा है.
यह कार्रवाई एक तरफा क्यों है? ABVP की तरफ से क्या एक व्यक्ति ही मारपीट कर रहा था? स्टैंडिंग कमेटी की समझदारी और मेरिट पर गंभीर सवाल खड़ा करते हैं. यह नोटिस हास्यास्पद है.
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यह निलंबन बेबुनियाद है. हम छात्रों को डराने की घिनौनी कोशिश है. हम छात्र आपके इस धमकियों से डरने वाले नहीं हैं. हम महिला सुरक्षा, GSCASH और लैंगिक समानता के सवालों पर आगे भी मुखर रहेंगे. हम बीएचयू प्रशासन से अपील करते हैं कि हमारे निलंबन को तत्काल वापस लिया जाए वरना हम आगे बड़े आंदोलन की तरफ बढ़ने को मजबूर होंगें.