वाराणसी- इस सत्र से बदल गई बीएचयू में पीएचडी प्रवेश की प्रक्रिया, एंट्रेंस टेस्ट खत्म

बीएचयू में पीएचडी में प्रवेश प्रक्रिया बदली गई...

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बीएचयू में पीएचडी में प्रवेश प्रक्रिया बदल दी गई है. इस सत्र में रिसर्च में प्रवेश के लिए टेस्ट की व्यवस्‍था को समाप्त कर दिया गया है. बीती रात यूजीसी नेट का रिजल्ट जारी होने के साथ ही अब पीएचडी एडमिशन प्रक्रिया को हरी झंडी मिल गई है. इस वर्ष करीब 800 सीटों पर प्रेवश लिए जाएंगे. परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्र ने कहा कि अब एनटीए यूजीसी नेट रिजल्ट का डेटा शेयर करेगा. दो दिन के अवकाश के बाद डेटा आते ही लाइव कर दिया जाएगा. बुलेटिन वेबसाइट पर अपलोड होगी.

इस साल बीएचयू के पीएचडी कोर्स में प्रवेश और इंटरव्यू की प्रक्रिया हर बार की तरह नहीं होकर कुछ अलग होगी. इस सत्र में बीएचयू के रेट (रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट) एग्जाम की व्यवस्था नहीं है. हर बार रेट और रेट एगजम्पटेड के आधार पर एडमिशन मिलता रहा.

यूजीसी नेट-जेआरएफ परीक्षा के अभ्यर्थियों को मिलेगा मौका

जेआरएफ और नेट पास करने वालों को रेट एगजम्पटेड में रखा जाता था. वहीं, रेट का एग्जाम बीएचयू ही कराता था. इस बार केवल यूजीसी नेट-जेआरएफ की परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को ही मौका दिया जाएगा. इससे उन्हें काफी सहूलिसत मिलेगी.

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इस साल तीन कैटेगरी में रिजल्ट आया है. एडमिशन दो ही आधार पर मिलेगा. पहला आधार- सिर्फ जेआरएफ और दूसरा नेट क्वालिफाइड या पीएचडी के योग्य हो. जो उम्मीदवार जेआरएफ पास हैं, उनका सेलेक्शन सिर्फ इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर होगा.

एक सीट पर पांच उम्मीदवार

जो अभयर्थी नेट या केवल पीएचडी के लिए क्वालिफाई किए हैं उनके एडमिशन नेट की परीक्षा और इंटरव्यू के अंक को मिलाकर होंगे. एक सीट पर पांच उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है. इसके अलावा बीएचयू में 100 से अधिक छात्रों ने काशी की शास्त्रार्थ परंपरा का अध्ययन किया.

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संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में शुक्रवार को शास्त्रार्थ सभा का आयोजन हुआ. काशी की शास्त्रार्थ परंपरा के संरक्षण और संवर्धन के लिए मीमांसा, न्याय, व्याकरण और वेदांत विषय के छात्रों को शास्त्रार्थ के बारे में बताया गया.

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