Varanasi News: लोन का गारंटर बना कर मर चुकी अमेरिकी महिला पर कराया केस दर्ज
Varanasi News: करीब 20 वर्ष पहले मर चुकी अमेरिकी नागरिक महिला की जगह दूसरी महिला को खड़ा करके उन्हें 15 लाख रुपये सीसी लिमिट का गारंटर बना दिया गया. नदेसर स्थित उनका घर गिरवी रखा गया, फिर मृत महिला के खिलाफ ही रिकवरी का मुकदमा दर्ज हुआ. अमेरिका से आए महिला के परिजनों को जब इसकी जानकारी हुई तो मामला पुलिस के पास पहुंचा. पुलिस अधिकारियों ने तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है. हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई है.
नदेसर क्षेत्र का है मामला
घटनाक्रम से जुड़े कागजात जुटाने में महिला के परिजनों को दो महीने लग गए. कैंट थाना क्षेत्र के नदेसर की रहने वाली साफिया जलील ने अमेरिका की नागरिकता ले रखी थी. उनका नदेसर में मकान है. इस मकान की रजिस्टर्ड वसीयत उन्होंने वर्ष 1991 में अपनी बेटी और दो बेटों के नाम कर दी थी. वर्ष 2003 में वह बनारस आईं. 18 अक्तूबर 2003 को बनारस में ही उनकी मौत हो गई. उनके पुत्र अतहर जलील अमेरिका में रहते हैं.
अतहर जमील के प्रतिनिधि नियाज अहमद ने बताया कि मई 2023 में साफिया जलील के नाती यूसुफ नैयर अमेरिका से बनारस आए. यूसुफ नैयर के सामने ही बांसफाटक स्थित एक बैंक के अफसर आए और उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में 15 लाख की सीसी लिमिट स्वीकृत कराई गई थी. साफिया जलील उसकी गारंटर थीं और उनका मकान गिरवी है. बैंक ने डीआरटी, इलाहाबाद से रिकवरी का मुकदमा जीत लिया है. मकान की अब नीलामी होगी. इससे यूसुफ नैयर हतप्रभ रह गए. अक्तूबर 2023 में अतहर जमील ने नियाज अहमद को प्रतिनिधि बनाकर मामले में अपना पक्ष रखने की पहल की. अब मामला पुलिस की जांच में है.
2006 में सीसी लिमिट का नवीनीकरण
नियाज अहमद ने बताया कि साफिया जलील हस्ताक्षर करती थीं. मगर, उन्हें गारंटर बनाकर 2004 में जारी कराई गई सीसी लिमिट से संबंधित बैंक के कागजात में हर जगह उनका अंगूठा लगा है. यही नहीं, वर्ष 2006 में सीसी लिमिट का नवीनीकरण किया गया तो साफिया जलील का रि-वेरिफिकेशन कर उन्हें जिंदा ही बताया गया.
नियाज अहमद ने बताया कि बैंक स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो डीआरटी, इलाहाबाद के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट गए. हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि उनकी भी बात सुनी जाए. उधर, पुलिस ने भी कहा है कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
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सीसी लिमिट कराने वाले की हो चुकी मौत
प्रतिनिधि के मुताबिक साफिया को गारंटर बनाकर जिस व्यक्ति ने बैंक से सीसी लिमिट स्वीकृत कराई थी, 28 अप्रैल 2021 को उसकी भी मौत हो गई. जिस महिला को साफिया बताते हुए सीसी लिमिट का गारंटर बनाया गया और तस्वीर इस्तेमाल की गई, उसका भी आज तक कहीं पता नहीं है. ऐसे में यह सुनियोजित तरीके से मकान हड़पने का बडा षडयंत्र लगता है.