वाराणसी: घर में घुसकर पड़ोसी ने महिला से की छेड़छाड़, सामान भी लूटा, सीपी के निर्देश के बाद भी नहीं दर्ज हुआ FIR

- अधिकारियों के दर पर भटक रहा पीड़ित परिवार

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वाराणसी: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में आम आदमी को बेहतर व त्वरित न्याय देने के लिए जिले में कमिश्नरेट पुलिस का गठन किया गया था. इसके साथ ही नए कानून (भारतीय न्याय संहिता) आने के बाद बताया गया कि अब FIR दर्ज कराने के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. कोई भी पीड़ित किसी भी थाने से FIR दर्ज करा सकता है. बावजूद इसके वाराणसी में एक पीड़ित को न्याय के लिए आला अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं.

सारनाथ थाना क्षेत्र के दीनापुर गांव के रहने वाले दीपक गोंड की पुलिस में FIR भी दर्ज नहीं हो पा रही है, जबकि इस मामले में FIR दर्ज करने के लिए पुलिस कमिश्नर ने आदेश भी दे दिया है. गुरुवार को सीपी कार्यालय पहुंचे दीपक गोंड ने जर्नलिस्ट कैफे को बताया कि वह सारनाथ थाना क्षेत्र के दीनापुर गांव के निवासी हैं. बीते 13 अक्टूबर को उसके पड़ोसी 8 -10 की संख्या में उसके घर में घुसकर उसके पत्नी के साथ छेड़छाड़ करते हुए मारपीट किया और घर में रखा सामान भी लूट लिया. इसके बाद घटना की सूचना उसने स्थानीय पुलिस को दी जिस पर इसकी शिकायत दर्ज नहीं की गई.

सीपी का आदेश भी रहा बेअसर

बताया कि इसके बाद वह अपने अधिवक्ता के माध्यम से वाराणसी पुलिस कमिश्नर से मिले और अपनी फरियाद रखी. इसके बाद पुलिस कमिश्नर द्वारा स्थानीय थाने को जांच कर रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया गया, किंतु थाने पर इसकी फरियाद सुनने की बजाय पुलिस पीड़ित को ही धमका रही है. इसके साथ ही विपक्षियों से सुलह समझौता करने का दबाव बनाया जा रहा है.

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रात दो बजे तक थाने पर रोका

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दीपक का आरोप है कि बुधवार को भी सारनाथ थाने पर इन्हें रात 2:00 बजे तक रोक कर पुलिस द्वारा धमकाया गया. इसके बाद गुरुवार की सुबह अपने अधिवक्ता के माध्यम से पुनः पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे और अपनी पीड़ा व्यक्त की. उनके अधिवक्ता ने बताया कि कानून द्वारा न्याय पाना हर आदमी का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन थाना स्तर पर आम आदमी के संवैधानिक अधिकार का शोषण किया जा रहा है. अब देखना है कि पुलिस कमिश्नर के निर्देशों के बावजूद पुलिस इनकी शिकायत दर्ज करती है या नहीं.

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