पर्यावरण संरक्षण की दिशा में वाराणसी नगर निगम की नई पहल

काशी को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प

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वाराणसी: काशी सहित आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. जिसको लेकर नगर निगम अब बड़ी पहल करने जा रहा है. काशी के नगर निगम द्वारा स्वच्छ काशी सुंदर काशी का नारा दिया गया है. बता दे की काशी को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए लगातार शहर के लगभग सभी क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा अभियान चलाया जा रहा है.

गंगा पार वन क्षेत्र बसाने की तैयारी में नगर निगम

बता दें कि अभियान चलाने के साथ उन्हें हिदायत और आर्थिक दंड भी लगाया जाता है. नगर निगम के प्रवर्तन दल द्वारा इस महीने 250 किलो से अधिक प्रतिबंध प्लास्टिक को पकड़ा जा चूका हैं. काशी को प्लास्टिक मुक्त करने का संकल्प और साथ ही जल संचयन और लोगों को शुद्ध हवा प्राप्त हो जिसको लेकर वन क्षेत्र का विस्तार हो इसको लेकर भी कार्य योजना चल रही है. चुकी शहर में ज्यादातर जगह पर मकान बन गए हैं जिस जमीन खाली नहीं है. जिसको देखते हुए गंगा पार पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर निगम अब गंगा पार वन क्षेत्र बसाने की तैयारी कर रहा है. इसके साथ ही ऑर्गेनिक फार्मिंग की दिशा में कदम बढ़ाने वाला है.

मायेर द्वारा की जा रही पहल…

वही, बारिश के मौसम में बाढ को ध्यान में रखते हुए बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से हटकर वन क्षेत्र बनाया जाएगा. काशी के मेयर अशोक तिवारी के द्वारा यह पहल की जा रही है जिस पर नगर निगम कार्य योजना बनाने की तैयारी में जुट गया है. लखनऊ के कुकरेल में वन क्षेत्र बसाया गया है जिसको ध्यान रखते हुए काशी के घाटों के सामने गंगापार वन क्षेत्र को तैयार किया जाएगा. नगर निगम एक विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रहा है जिसमें स्थानीय किसानों को भी शामिल किया जाएगा. नगर निगम किसानों से मिलकर अपनी जमीन पर ऑर्गेनिक खेती भी कराएगा. नगर निगम ने जमीनों को कब्जा मुक्त करने के लिए अभियान चलाया था और उसमें नगर निगम को काफी सफलता भी मिली.

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नगर निगम ने खाली कराई थी कब्जे की जमीन

साल 2024 में अभियान चलाकर नगर निगम ने लोगों से कब्जा मुक्त कराई है. अब इन जमीनों से आय के नगर निगम और वीडियो मिलकर कार्य करेंगे. जिसको लेकर वार्ता भी चल रही है. नगर निगम किराए पर अपनी भूमि लोगों को कार्य करने के लिए उपलब्ध कराएगा. वीडीए जमीन की लोकेशन, जरूरत के हिसाब से कम्पनियों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट तैयार करेगा. वीडीए अपने प्रोजेक्ट के लिए भी नगर निगम की जमीन का उपयोग भी कर सकता है.

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मत्स्य पालन के लिए उन्हें आवंटित हो सकते है तालाब…

बता दे कि, काशी क्षेत्र में 150 से अधिक तालाब हैं जिनका क्षेत्रफल लगभग 550 बीघा है. वहीं जहां तालाब सूख गए हैं उन्हे समतल करके जमीन की शक्ल देकर कब्जा कर लिया गया है. तालाबों की रखवाली के लिए अब नगर निगम मत्स्य पालन के लिए उन्हें आवंटित करने की तैयारी में जुटा है. या यू कह ले की नगर निगम अब विभिन्न क्षेत्रों से आय का स्रोत इकट्ठा कर रहा है. जिन लोगों को मत्स्य पालन करना है उन्हें नगर निगम द्वारा एक से दो साल तक के लिए पट्टा पर दिया जाएगा. मछुआरा समाज को इसके आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी. इन सभी योजनाओं को धरातल पर लाने के लिए नगर निगम द्वारा हर संभव प्रयास किया जा रहा है अगर योजना ने मूर्त रूप ले लिया तो काशी के भूजल स्तर के साथ ही नगर निगम का आय बढ़ जाएगा.

 

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