बनारस के वकीलों ने अखिलेश यादव को क्यों भेजा रामायण? जानिए पूरी खबर

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समाजवादी पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव की सभा में जय श्रीराम के नारे लगाने का मामला तूल पकड़ने लगा है। अखिलेश यादव ने धार्मिक नारे पर एतराज जताते हुए इसे बीजेपी की करतूत बताया तो अब इसे लेकर विवाद शुरू हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में अधिवक्ताओं के एक दल ने अखिलेश यादव को डाक के माध्यम से रामायण भेजा है।

रामायण पढ़े तभी आएगी सद्बुद्धि-

पिछले दिनों अखिलेश यादव की सभा में एक युवक जय श्री राम के नारे लगाते हुए पहुंच गया। इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं ने नारे लगाने वाले युवक की जमकर पिटाई कर दी थी। इस वाक्ये पर अखिलेश यादव ने भी एतराज जताया था। उन्होंने कहा था बीजेपी के इशारे पर उनकी सभा में खलल डालने की कोशिश की गई। उन्होंने इसे अपनी सुरक्षा से भी जोड़ा था।

अब इस मामले पर वाराणसी के कुछ युवाओं ने अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अधिवक्ताओं ने डाक के जरिये अखिलेश यादव के लखनऊ स्थित आवास पर रामायण की एक प्रति भेजी है। अधिवक्ताओं का कहना है कि रामायण पढ़ने के बाद शायद अखिलेश यादव को सद्बुद्धि आये।

वर्ग विशेष की राजनीति करते हैं अखिलेश-

अधिवक्ताओं के मुताबिक साल 2012 में अखिलेश यादव युवाओं के दम पर लखनऊ की सत्ता पर पहुंचे थे। लेकिन वोटबैंक की राजनीति के चक्कर में अखिलेश यादव अब हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने लगे हैं। मौजूदा वक्त में अखिलेश यादव एक वर्ग और एक जाति की राजनीति कर रहे हैं।

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