वाराणसीः पीएम के आगमन से पहले किसानों ने किया विरोध-प्रदर्शन

प्रधानमंत्री से मिलना चाहते हैं किसान, नही मिल रहा मिलने का समय

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 18 जून का मेहदीगंज में आयोजित किसान संवाद से पहले किसानों ने शुक्रवार को कचहरी स्थित शास्त्री घाट पर धरना-प्रदर्शन किया. इस दौरान वक्ताओं ने कहाकि किसान प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी समस्याओं को बताना चाहते हैं लेकिन उन्हें मिलने ही नही दिया जा रहा. कहा कि पीएम के संसदीय क्षेत्र के विविध योजनाओं के किसान जो भूमि अधिग्रहण में भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 का अनुपालन नहीं होने से परेशान है. उनकी समस्याओं का समाधान किये बगैर किसान संवाद जैसे कार्यक्रम का कोई औचित्य नही है. ऐसा कार्यक्रम किसानों के घाव पर नमक छिड़कने जैसा होगा.

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सभा में वक्ताओं ने कहाकि कानून का खुला उलंघन होने से किसानों के जीविकोपार्जन और उनके परिवार के गुजर बसर पर संकट आ गया है. 1998 से मोहनसराय ट्रान्सपोर्ट नगर की लम्बित योजना जिसेे 2021 में शासन के निर्देश पर निरस्त कर जमीन डिनोटिफीकेशन की प्रक्रिया चल रही थी. इसी बीच पुनः अवैधानिक तरीके से कब्जे की कार्रवाई शुरू कर दी गई. विरोध करने पर बर्बर लाठीचार्ज कर किसानों के वैधानिक हक का खुलेआम हनन किया गया. इसका मुकदमा आज भी उच्च न्यायालय इलाहाबाद और उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली में विचाराधीन है. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि रिंग रोड फेज 2 का किसान प्रधानमंत्री के विकास में सहभागी बनने के लिये संकल्पित है, लेकिन प्रशासन ने अत्यंत आवश्यक नोटिस जारी किये बिना मनमाना सर्वे रिपोर्ट देकर किसानों के अधिकार का हनन किया. कहा गया कि किसान चाहते तो योजना निरस्त करने के लिए न्यायालय में मुकदमा दाखिल कर सकते थे, लेकिन किसान केवल भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून के तहत उचित मुआवजा और पुनर्वास चाहता है. मगर प्रशासन पूर्णतया मनमानी कर रहा है.

किसान विरोधी है काशी द्वार योजना

वक्ताओं ने कहाकि काशी द्वार योजना पूर्णतया किसान विरोधी है और किसान योजना से सहमत नहीं है. लेकिन प्रशासन जबरदस्ती योजना लागू कर किसानों के वैधानिक हक का हनन करने पर अमादा है. जबकि भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 में स्पष्ट प्रावधान है कि योजना से प्रभावित 80 प्रतिशत किसान सहमति नहीं देगे या 20 प्रतिशत से अधिक किसान अगर योजना के खिलाफ आपत्ति कर देंगे तो योजना रद्द हो जायेगी. इसके आधार पर काशी द्वार योजना रद्द हो जानी चाहिए, लेकिन प्रशासन किसानों के साथ अवैधानिक कृत्य करके किसानों के धैर्य की परीक्षा ले रहा है. इसी तरह जीटी रोड आवासीय योजना, स्पोर्ट्स सिटी, वरूणा विहार, वैदिक सिटी, विद्या निकेतन, गोबर गैस प्लांट शाहंशाहपुर, वर्ल्ड सिटी एक्सपो एवं मेडिसिटी योजना से प्रभावित किसान शासन-प्रशासन के अवैधानिक कृत्य से हैरान और परेशान हैं. इन कारणों से किसान भाजपा की डबल इंजन सरकार से नाराज हैं.

किसानों से बिना बात किए सम्मेलन करना धोखा

किसानों ने कहा कि प्रभावित किसानों का प्रतिनिधिमंडल पीएम से संवाद कर अपनी समस्या भूमि अर्जन एवं पुनर्वास कानून 2013 के आधार पर वैधानिक तरीके से निस्तारण कराकर विकास में सहभागी बनना चाहते हैं. अव्यवहारिक योजनाओं को निरस्त कराना चाहते हैं. अगर वाराणसी के 11 योजनाओं के 73 गांवो के लाखों परेशान किसानों से बिना संवाद किये 18 जून को मेहदीगंज में आयोजित किसान संवाद किसानों के साथ धोखा होगा.

मंत्री पर लगाया जेल भेजवाने की धमकी का आरोप

विविध योजनाओं से प्रभावित किसानों की अंदोलन हेतु 14 जून को शास्त्रीघाट वरूणापुल पर बैठक हुई. इसके बाद किसानों का प्रतिनिधिमण्डल जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर 18 जून को प्रधानमंत्री के किसानो के संवाद कार्यक्रम में अपने सांसद से मिलकर अपनी बात रखने के लिए पत्रक प्रभारी अधिकारी एडीएम सिटी को दिया. प्रतिनिधिमंडल का कहना है कि प्रभारी अधिकारी ने उनसे कहाकि प्रधानमंत्री से मुलाकात का कार्यक्रम प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय से तय होता है, आप लोग वहां जाइये. इसके बाद किसानों का प्रतिनिधिमंडल प्रधानमंत्री के संसदीय कार्यालय पहुंचा. वहां जन सुनवाई कर रहे मंत्री रविन्द्र जायसवाल से मिलकर पत्रक दिया. आरोप है कि मंत्री ने जवाब दिया कि चयनित किसानों से ही प्रधानमंत्री मिलेंगे. आपलोग बवाली हो किसान नही. इसलिये प्रधानमंत्रीजी आपलोगों से मिलेगे भी नहीं. ज्यादा आपलोग दिमाग लगाओगे तो प्रधानमंत्री के आगमन से पहले जेल भेज दिये जायंेगे. इस पर किसान आक्रोशित होकर गये और कहे कि अगर किसान विरोधी योजनाओं से पीड़ित किसानो से संवाद नही होगा तो हमलोग चुप नही बैठेंगे. इसके बाद किसानों ने धरना-प्रदर्शन किया. तय हुआ कि किसानों के नेतृत्वकर्ता व्यापक एवं निर्णायक अंदोलन की रणनीति बनायेंगे. विरोध प्रदर्शन और प्रतिनिधिमंडल में रामजी सिंह, सन्तोष पटेल, सतीश कुमार पटेल, राजू राम, राजेश वर्मा, कृष्ण प्रसाद पटेल ‘छेदी बाबा‘, राजेश सिंह, हरिकेश वर्मा, खटाई लाल, फतेनरायन सिंह पटेल , राजीव कुमार (राजूराम), उदय प्रताप पटेल, खटाई लाल शर्मा, विजय शंकर पाण्डेय, मेवा लाल, रतन लाल सेठ, राजेन्द्र पाल, राधेश्याम पाल, अंशु उपाध्याय, जय प्रकाश, राहुल पटेल, प्रेम शाह, दिनेश तिवारी, धीरू यादव आदि शामिल रहे.

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