वाराणसी में बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर | Banaras Bulletin
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मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम हुआ बनारस
केंद्र सरकार ने जारी की अधिसूचना
काशी के लोगों ने जताई खुशी
वाराणसी के मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर बनारस कर दिया गया है। काशीवासियों को इस लम्हे का इंतजार लंबे समय से था। तत्कालीन रेलमंत्री मनोज सिन्हा ने पहली बार मंडुवाडीह स्टेशन का नाम बदलने के लिए मजबूत पहल की थी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि सिर्फ तीन सालों में ही एक बदहाल स्टेशन को मनोज सिन्हा ने देश के सबसे चमकते-दमकते स्टेशन में तब्दील कर दिया। अब किसी एयरपोर्ट की तरह दिखता है मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन। एयरपोर्ट सरीखी सुविधाओं से लैस मंडुवाडीह रेलवे स्टेशन पर कुल आठ प्लेटफॉर्म हैं। वाराणसी-नई दिल्ली की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन शिवगंगा एक्सप्रेस, ग्वालियर के लिए बुंदेलखंड एक्सप्रेस, खजुराहो के लिए लिंक एक्सप्रेस सहित आधा दर्जन प्रमुख ट्रेनों का संचालन इसी से होता है। कोरोना काल में सिर्फ शिवगंगा एक्सप्रेस का संचालन किया जा रहा है।
इंट्रेंस एग्जाम को लेकर बीएचयू में मचा बवाल
फैसले के खिलाफ छात्र का ‘सत्याग्रह’
सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में हैं छात्र
बनारस विश्वविद्यालय में प्रवेश परीक्षा का मसला अब तूल पकड़ता जा रहा है। प्रवेश परीक्षा पर रोक लगाने की छात्रों की मुहिम ने जोर पकड़ ली है। प्रवेश परीक्षा पर रोक लगाने के लिये अब छात्र सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं। खबरों के मुताबिक छात्रों में सुप्रीम कोर्ट में दायर की जाने वाली याचिका तैयार कर ली है, जिसकी एक प्रति सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। छात्रों का कहना है कि वर्तमान में परीक्षा के लिए छात्रों को एक जिले से दूसरे जिले में यात्रा करना, खतरे को दावत देने की तरह है। साथ ही बीएचयू ने प्रवेश परीक्षा कराने के निर्णय से पहले बिहार और असम में आए बाढ़ पर विचार नहीं किया जो कि ठीक नहीं है। प्रवेश परीक्षा को लेकर छात्रों का एक समूह लगातर विरोध कर रहा है। ऑनलाइन मुहिम चलाई जा रही है। तो दूसरी ओर एक छात्र अनिश्चित्कालीन धरने पर बैठ गया है।
शहनाई सम्राट बिस्मिल्लाह खां की अंतिम निशानी पर संकट
पैतृक आवास पर लगी बिल्डर की नजर
सोमा घोष ने लगाई जिला प्रशासन से गुहार
शहनाई सम्राट बिस्मिल्लाह खां के पैतृक विवाद को लेकर विवाद गहरा गया है। बिस्मिल्लाह खां की दत्तक पुत्री और शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष का आरोप है कि कुछ लोग बिस्मिल्लाह खां के निवास पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। सोमा घोष ने वाराणसी के जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा से इस बात की शिकायत की है। भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां का पैतृक आवास शहर के हड़हासराय स्थित भीखाशाह लेन में हैं। इस मकान में के सबसे ऊपर बने कमरे में भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां फज़्र की नमाज़ के बाद रियाज़ करते थे। यह कमरा आज भी भारत की महत्वपूर्ण धरोहर है पर अब इस धरोहर को 12 अगस्त की रात से क्षेत्र के एक बिल्डर द्वारा कमर्शियल बिल्डिंग बनाये जाने एक लिए तोड़ा जा रहा है। इसपर उस्ताद के सबसे छोटे बेटे नाज़िम हुसैन और उनकी गोद ली हुई बेटी और प्रसिद्द शास्त्रीय संगीत गायिका सोमा घोष ने अपना विरोध दर्ज कराया है।
चार महीने बाद खुले जिम
नई गाइडलाइन के बाद खुले जिम
जिला प्रशासन के फैसले पर लोगों ने जताई खुशी
अनलॉक 3 में जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा के आदेश पर वाराणसी में सभी जिम सोमवार 17 अगस्त से खोल दिये गए हैं। जिम को शाम 5 बजे तक खोलने की अनुमति दी गई है। कोविड 19 और सुरक्षा नियमों के साथ जिम में सैनिटाइजर और थर्मल स्कैनिंग की सुविधा के साथ जिम ओनर्स ने अपने जिम खोल दिये हैं। जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा ने रविवार को जिले के लिए नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कोई विशेष बदलाव न करते हुए पहले की तरह नियमों को दोहराया गया है। नए आदेश में सिर्फ जिम खोले जाने की अनुमति नई है। इस नये आदेश से जिम प्रेमियों में खुशी देखने को मिल रही है।
वाराणसी में बढ़ने लगा गंगा का जलस्तर
तटवर्ती इलाकों में मंडरा रहा है बाढ़ का खतरा
टूटने लगा घाटों का आपस में संपर्क
वाराणसी में गंगा के जलस्तर में बढ़ाव जारी है। जल बढ़ाव के कारण घाटों का संपर्क टूटने लगा है। गंगा के कारण वरुणा और अन्य नदियों के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में भी खलबली मची हुई है। दशाश्वमेध पर स्थित शीतला माता मंदिर की दीवारों तक पानी पहुंच गया है। गंगा का पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। वहीं बीते शुक्रवार को गंगा आरती का स्थान पानी बढ़ने के कारण बदला जा चुका है। बनारस में रविवार की सुबह आठ बजे तक गंगा का जलस्तर 64.01 मीटर था। यह खतरे के निशान से 6.52 मीटर नीचे हैं। लेकिन इसमें तेजी से बढ़ाव हो रहा है। वाराणसी में चेतावनी बिंदु 70.262 और खतरे का निशान 71.26 मीटर पर है। यहां 73.901 मीटर तक रिकार्ड बन चुका है। पिछले साल भी गंगा ने जबरदस्त कहर बरपाया था।
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