खुशखबरीः यूपी को मिला पहला डिजिटल हाइवे, मार्च 2025 से शुरू होगा निर्माण कार्य

दिल्ली- मुंबई और हैदराबाद - बेंगलुरु के बाद यूपी का पहला डिजिटल हाइवे

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उत्तर प्रदेश का बाराबंकी-बहराइच हाईवे डिजिटल हाईवे के रूप में विकसित होने जा रहा है. यह 101 किलोमीटर लंबा चार लेन वाला हाईवे सुरक्षित यात्रा, तेज़ डिलीवरी और बेहतरीन यात्रा अनुभव प्रदान करेगा. भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण शुरू कर दिया है और इलका निर्माण कार्य मार्च 2025 तक शुरू होने की उम्मीद है.

एनएच – 927 का हिस्सा बनेगा डिजिटल हाइवे

आधुनिक तकनीक और बेहतर कनेक्टिविटी से लैस यह हाइवे 24/7 नेटवर्क उपलब्धता, नेशनल परमिट रजिस्टर (एनपीआर) कैमरे और कुशल लाइटिंग सिस्टम जैसे फीचर्स प्रदान करेगा. रात के समय बेहतर रोशनी और तेज गति से वाहन चलाने की सुविधा यात्रियों के लिए इसे और अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगी. यह परियोजना एनएच-927 का हिस्सा होगी और लखनऊ, श्रावस्ती एयरपोर्ट, एनएच-27 और भारत-नेपाल सीमा जैसे प्रमुख स्थानों को जोड़ेगी. इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा.

दिल्ली- मुंबई और हैदराबाद – बेंगलुरु के बाद यूपी का पहला डिजिटल हाइवे

एनएचएआई ने देशभर में 10,000 किलोमीटर डिजिटल हाईवे बनाने की योजना शुरू की है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और हैदराबाद-बेंगलुरु कॉरिडोर के बाद अब बाराबंकी-बहराइच हाईवे को इस पहल के तहत मंजूरी दी गई है.
परियोजना के तहत संजय सेतु और रेलवे पुल के बीच 1.3 किलोमीटर लंबा नया पुल बनाया जाएगा, जिससे दोनों पुलों पर यातायात दबाव कम होगा. इसके साथ ही अयोध्या हाईवे को पुराने दो-लेन बहराइच हाईवे से जोड़ने के लिए चपुला क्षेत्र में एक फ्लाईओवर का निर्माण होगा.

यातायात के बढ़ते दबाव संग दुर्घटनाओं को करेगा कम

इस संबंध में एनएचएआई के परियोजना निदेशक सौरभ कनौजिया ने बताया कि इस हाईवे का चौड़ीकरण यातायात के बढ़ते दबाव और दुर्घटनाओं को कम करने के लिए किया जा रहा है. वर्तमान में इस हाई-वे पर रोजाना लगभग 25,000 वाहन चलते हैं, जिससे यातायात समस्याएं और पुलों पर दबाव बढ़ता जा रहा है. यह हाईवे बाराबंकी, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर जिलों के लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आएगा.

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