किसी खास किरदार में बंध कर रहना पसंद नहीं है: अवधेश

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आमतौर पर भोजुपरी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभाने वाले अवधेश मिश्र भोजपुरी फिल्म ‘डमरू’ में भगवान शंकर की भूमिका में नजर आएंगे। मिश्र का कहना है कि एक कलाकार को हर चुनौतीपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।

किरदार में बंध कर रहना पसंद नहीं है

बनारस में ‘डमरू’ की शूटिंग से वापस लौट रहे अवधेश ने पटना में मीडिया को बताया, “उन्हें किसी खास किरदार में बंध कर रहना पसंद नहीं है। खलनायकी मेरा पहला प्यार है। चूंकि, मैं एक अभिनेता हूं, इसलिए हर प्रकार की चुनौतीपूर्ण भूमिका निभाना मेरा काम है, जिसे मैं बखूबी करता हूं।”

खलनायाक की भूमिका से अलग भूमिका में हूं

उन्होंने कहा कि ‘डमरू’ में उनका अभिनय बिल्कुल अलग नजर आएगा। उन्होंने बताया कि आने वाली फिल्म ‘मैं सेहरा बांध के आऊंगा’ में भी खलनायाक की भूमिका से अलग भूमिका में हूं।

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अवधेश ‘मैं सेहरा बांध के आऊंगा’ में वह एक ऐसे युवक की भूमिका में हैं, जो अपनी शादी के हसीन सपने देखता है। मगर शादी तो होती नहीं है, उम्र जरूर ढल जाती है। अवधेश अपनी इस भूमिका से लोगों को हंसाते भी नजर आएंगे।

जिसे दर्शकों और फिल्म के जानकारों ने काफी सराहा

अभी हाल में आई फिल्म ‘मेंहदी लगा के रखना’ में अवधेश ने पिता की भूमिका निभाई थी, जिसे दर्शकों और फिल्म के जानकारों ने काफी सराहा था।

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काफी हद तक सफल भी नजर आ रहा है

अवधेश का मानना है कि यह भोजपुरी सिनेमा के बदलाव का दौर है, जहां कई कलाकारों को नए रूप में लाने का प्रयोग किया जा रहा है और यह प्रयोग काफी हद तक सफल भी नजर आ रहा है।

करीब 250 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में खलनायक

करीब 250 से ज्यादा भोजपुरी फिल्मों में खलनायक की भूमिका निभानेवाले अवधेश नई भूमिकाओं के विषय में कहते हैं कि किसी भी किरदार में लोगों ने उन्हें अथाह प्यार और आशीर्वाद दिया है। इसी कारण निर्माताओं का नजरिया भी बदला है।

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