चंद्रयान 3 से जुड़े कुछ Unknown Facts

0

पृथ्वी के 21 चक्कर, चाँद के इर्द-गिर्द 120 चक्कर और करीब 55 लाख किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद चंद्रयान 3 की चाँद पर सॉफ्ट लैन्डिंग कामयाब रही। चंद्रयान 3 का यह मिशन एक तरह से सफलता पूर्वक कामयाब रहा। आइए जानते है चंद्रयान की पृथ्वी से लेकर चाँद तक की पूरी कहानी।

LVM3 रॉकेट से निकल था चंद्रयान 

आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को चंद्रयान 3 अपनी स्पेसक्राफ्ट LVM3 मे लॉन्च किया गया था। यह देश का सबसे भारी रॉकेट है जिसका वजन 640 टन है। इसकी कुल लंबाई 43.5 मीटर है। यह रॉकेट पृथ्वी से 200 किलोमीटर ऊपर तक 8 टन पेलोड लेकर जा सकता है।

चंद्रयान 3 के लैंडर के मॉड्यूल का वजन करीब 1.7 टन है। इसके प्रपोर्शन का वजन करीब 2.2 टन है और लैंडर के अंदर करीब 26 किलो का रोवर भी है। मतलब एक तरह से समझिए तो कुल पोलेड का वजन करीब 3 टन है।

इस 3 टन के पोलेड को धरती के ग्रैविटी के विपरीत ले जाने का काम  LVM3 रॉकेट ने किया। यह एक थ्री स्टेज रॉकेट है जिसमे कई तरह का फ्यूल जलता है और इसकी सबसे खास बात यही है कि यह बहुत तेजी से ग्रैविटी के विपरीत ऊपर जाता है।

Also Read: रूस का लूना 25 कैसे हुआ क्रैश?

एक महीने से ज्यादा का है चाँद का सफर

धरती से चंद्रयान की दूरी करीब 3.85 लाख किलोमीटर की है। इस दूरी को ते करने मे चंद्रयान को करीब 40 दिन लगे। चंद्रयान 3 के स्पेसक्राफ्ट को LVM3 के जरिए पृथ्वी के ओरबिट मे भेज दिया गया। वह धरती का लगातार चक्कर लगता रहा और अपने प्रोपलक्षन से अपना दायरा बढ़ाता रहा। एक समय पर वो धरती के ओरबिट से निकाल कर चाँद के ओरबिट मे शामिल हो गया।

चाँद के ग्रैविटैशनल फील्ड मे पहुंचकर अपने प्रणोदन के जरिए उसने चाँद पर सॉफ्ट लैन्डिंग की।

 

Also Read: 1982 में डकैती 2023 में सजा, जानें क्या है 41 साल पुराने गुनाह की पूरी कहानी ..

चाँद पर लैंडिंग क्यूँ होती है खतरनाक?

धरती से चाँद की दूरी करीब 4 लाख किलोमीटर है और धरती से मंगल की दूरी करीब 3390 किलोमीटर है। इसके बावजूद भी वैज्ञानिक मानते है चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग मंगल से भी ज्यादा खतरनाक है। इसकी बड़ी वजह है…

  1. चाँदपर वायुमंडल नहीं है-: चाँद पर वायुमंडल नहीं है जिसके वजह से वहाँ पर लैंडिंग खतरनाक है। पृथ्वी पर एवं मंगल पर भी वायुमंडल है। समझने के लिए- अगर धरती पर आप लैंड करने के लिए पैरशूट का इस्तेमाल करते है तो सतह पर धीरे धीरे लैंड कर सकते है क्यूंकि धरती पर वायुमंडल उपलब्ध है। चाँद पर अगर आप परशूट से लैंड करने कि कोशिश करेंगे तो वायुमंडल न होने के कारण आपकी लैंडिंग खतरनाक हो सकती है। चाँद पर लैंड करने के लिए प्रोपोलेंट जलाया जाता है। यह फ्यूल पृथ्वी से बहुत ही सीमित मात्रा मे ले जय जा सकता है, यही कारण है कि चंद्रयान कि लैंडिंग बेहद खतरनाक थी।
  2. चाँद पर जीपीएस नहीं है-: धरती पर एयरक्राफ्ट जीपीएस कि मदद से अपना रास्ता पता कर सकते है। चाँद पर जीपीएस न होने की वजह से आप ना तो पोजीशन का पता लगा सकते है न तो सतह से दूरी तक का।
  3. चाँद का साउथ पोल की जगह है अजीब-: चंद्रयान 3 चाँद के साउथ पोल पर लैंड हुआ है। ये चाँद पर बड़ी अजीब जगह पर होता है। यहाँ पर लंबी-लंबी परछाईं बनती है जिससे यहाँ पर लैंडिंग बहुत कठिन है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More