यूपी में किस मुख्य सचिव के नेतृत्व में होगा लोकसभा चुनाव

सीनियर ब्यूरोक्रेसी के हाथों में होगी कमान

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लखनऊ: यूपी ब्यूरोक्रेसी से एक बार फिर बड़ी खबर सामने आ रही है कि 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल एक बार फिर बढ़ाया जा सकता है. दुर्गा शंकर मिश्रा के सेवानिवृत्ति से पहले ही ब्यूरोक्रेसी में चर्चा शुरू हो गई है कि 2024 का लोकसभा चुनाव मौजूदा मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ही करवाएंगे या फिर किसी दूसरे सीनियर अफसर को सूबे की सबसे बड़ी प्रशासनिक कुर्सी सौंपी जाएगी. वहीं, चर्चा शुरू हो गई है कि यदि मुख्य सचिव को सेवा विस्तार नहीं मिलता है तो 1987, 1988 या 1989 बैच के किसी आईएएस अफसर को मुख्य सचिव की कमान सौंपी जा सकती है. वहीं कुछ यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि जिस तरीके से मुख्य सचिव का 2021 और 22 में 1 -1 साल का कार्यकाल बढ़ाया गया था उसी तरह लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनके कार्यकाल को 6 महीने और बढ़ाया जा सकता है. अब देखने वाली बात या होगी कि सरकार इसपर क्या निर्णय लेती है.

2021 में मिला था सेवा विस्तार

गौरतलब है कि मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को 2021 और 22 में जो एक-एक साल का सेवा विस्तार दिया गया वह पहली बार हुआ कि किसी मुख्य सचिव का दो बार एक-एक साल का कार्यकाल बढ़ाया गया है. आमतौर पर किसी सचिव को 3 महीने या अधिकतम 6 महीने का सेवा विस्तार मिलता है. कहा जा रहा था कि केंद्र के दखल के बाद दुर्गा शंकर मिश्र को सेवा विस्तार दिया गया था.

दुर्गा शंकर मिश्रा नहीं तो यह अफसर दावेदार

अगर दुर्गा शंकर मिश्रा का कार्यकाल नहीं बढ़ता है तो 1988 बैच के IAS मनोज कुमार सिंह को इस पद का सबसे बड़ा दावेदार माना जा रहा है. मौजूदा हालात में उनके पास कृषि उत्पादन आयुक्त और और स्थापना व औद्योगिक विकास आयुक्त की जिम्मेदारी है व सीएम योगी के पसंदीदा अफसरों में से एक है. मनोज कुमार जुलाई 2025 में रिटायर होंगे. वैसे, सीनियर अफसर की बात करें तो दुर्गा शंकर मिश्रा के बाद 1987 बैच के चार अफसर इस दौड़ में शामिल है. इनमें दो अफसर दिल्ली में जबकि दो यूपी में तैनात हैं. यूपी में तैनात दोनों अफसर में अपर आयुक्त सचिव महेश कुमार गुप्ता और राजस्व परिषद के अध्यक्ष हेमंत राव हैं, जबकि 1987 बैच के अधिकारी अरुण सिंघल को भी इस पद के लिए दावेदार माना जा रहा है.

सेवा विस्तार से इन अफसरों को नहीं मिला मौका

आपको बता दें कि दुर्गा शंकर मिश्रा की एक-एक साल के दो विस्तार के बाद कई बड़े अफसर मुख्य सचिव बनने से चूक गए. सरकार में अहम् जिम्मेदारी होने की वजह से माना जा रहा था कि उन्हें मुख्य सचिव बनाया जा सकता है मगर कुर्सी ना खाली होने की वजह से वह मुख्य सचिव नहीं बन सके. इसमें सबसे पहला नाम अवनीश कुमार अवस्थी का है जो 1987 बैच के आईएएस अफसर हैं उनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी अफसर में होती है. दूसरी तरफ 1986 बैच के आलोक सिंह भी इस रेस में शामिल थे वह एसीपी के पद से रिटायर हुए.

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क्यों मिल सकता है सेवा विस्तार

आप सबके मन में शंका होगी की दो बार सेवा विस्तार मिलने के बाद उन्हें इस बार फिर से वह विस्तार क्यों मिल सकता है तो आपको बता दें कि आगामी 2024 में लोकसभा चुनाव का हवाला देकर सरकार उनका विस्तार बढ़ा सकती है. मौजूदा समय में केंद्र के सहयोग से प्रदेश में कई योजनाएं चल रही हैं उनकी निगरानी मुख्य सचिव के स्तर पर होती हैं. मुख्य सचिव लंबे समय तक केंद्र में तैनात रहे हैं और उनका केंद्र के साथ समन्वय काफी अच्छा है. इसकी वजह से केंद्र की योजनाओं को प्रदेश में लागू करने में उनकी अहम भूमिका रही है. इसलिए इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए मुख्य सचिव का कार्यकाल एक बार फिर से बढ़ाया जा सकता है.

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