‘उड़ता पंजाब’ पर क्यों मचा है घमासान?

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फिल्‍म ‘उड़ता पंजाब’ के रिलीज की तारीख करीब आने के साथ ही फिल्म को लेकर बयानबाजी और आरोपों का सिलसिला जारी है। फिल्म के समर्थन में आगे आते हुए निर्माता-निर्देशकों महेश भट्ट, मुकेश भट्ट और अनुराग कश्यप ने आरोप लगाया है कि बोर्ड जानबूझकर फिल्म के प्रमाणन में देरी कर रहा है। बोर्ड ने फिल्म के नाम सहित पूरी फिल्म से ‘पंजाब’ शब्द हटाने और कहानी में कथित तौर पर 89 कट करने को कहा है। बोर्ड का यह फैसला निर्माताओं को कुछ रास नहीं आया है और वे इसके खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय चले गए हैं। सेंसर बोर्ड ने फिल्म निर्माताओं को 13 सुझाव दिए हैं, ये सुझाव मानने पर ही फिल्म को सेंसर बोर्ड की ओर से ‘ए’ सर्टिफिकेट मिल सकेगा।

क्या है विवाद?

फिल्म सर्टिफिकेशन ट्रिब्यूनल (एफसीएटी) ने निर्मातों को ‘उड़ता पंजाब’ से 89 सीन हटाने व फिल्म से ‘पंजाब’ का नाम हटाने को कहा है। सेंसर बोर्ड ने कहा है कि इस फिल्म मे पंजाब की बदनामी दिखाई गई है, जिसके कारण फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता। सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने कहा कि जब तक फिल्म से 89 सीन और पंजाब का नाम हटाया जाता तब तक सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा। यही नहीं, एफसीएटी के मुताबिक, फिल्म में कुछ ऐसे हिस्से हैं, जिससे पंजाब की इमेज पर गलत असर पड़ सकता है। फिल्म में पंजाब में युवाओं की ड्रग्स की लत के मुद्दे को उठाया गया है।

निहलानी का क्या है कहना?

इस मसले पर सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि फिल्म पर बेवजह विवाद खड़ा किया जा रहा है। यह सब कुछ अनुराग कश्यप का पब्लिसिटी स्टंट है। फिल्म के 73 फीसदी हिस्से को मंजूरी दी गई है। फिल्म में 89 कट की बात नहीं की गई है। मैंने अनुराग से बात नहीं की है। फिल्म में कट पैनल सदस्यों की सलाह पर निर्भर करता है। अनुराग की ओर से लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद हैं।

निहलानी से की माफी की मांग  

अनुराग ने कहा कि सेंसर बोर्ड के चेयरमैन पहलाज निहलानी को माफी मांगनी चाहिए। उनके कार्यकाल में कई फिल्में ट्र‍िब्यूनल में हैं। हमारी बात को गलत समझा गया। हम अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। एक आदमी पूरे देश की नैतिकता तय नहीं कर सकता। सेंसरशिप के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी। निहलानी ने अनुराग पर आम आदमी पार्टी से पैसे लेने का आरोप लगाया था।

दूर रहें राजनीतिक दल

फिल्म उड़ता पंजाब के निर्माता अनुराग कश्यप ने राजनीतिक दलों से अनुरोध किया है कि वे सेंसरशिप की उनकी लड़ाई से दूर रहें। उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस, आप और अन्य राजनीतिक दलों से अनुरोध करता हूं कि वे मेरी लड़ाई से दूर रहें। यह मेरे अधिकारों और सेंसरशिप की लड़ाई है।

कौन से हैं वो 13 सुझाव  

फिल्म की शुरुआत से पंजाब का साइन बोर्ड हटाया जाए।

फिल्म से पंजाब, जालंधर, चंडीगढ़, अमृतसर, तरनतारन, जशनपुरा, अबेसर, लुधियाना और मोगा के बोर्ड और डायलॉग से इन्हें हटाया जाए।

गाना नंबर 1 से ‘चिट्टावे’ शब्द हटाने का सुझाव।

गाना नंबर 2 से ‘टॉ दी कॉक जेव्हे चिट्टी चिट्टी’ और ‘कोक’ शब्द हटाए जाए।

गाना नंबर 3 से सरदार के खुजली करने वाले एक सीन से भी आपत्ति।

फिल्म में शामिल 14 गालियों को हटाने को कहा गया है।

फिल्म में इस्तेमाल हुए ‘इलेक्शन’, ‘एमपी’, ‘पार्टी’, ‘एमएलए’, ‘पंजाब’ ,’पार्लियामेंट’ शब्द हटाए जाएं।

ड्रग्स के लिए इंजेक्शन लेते हुए क्लोजअप शॉट हटाने को कहा गया है।

भीड़ के सामने टॉमी सिंह के किरदार के चंद आपत्तिजनक एक्शन हटाने का सुझाव।

‘जमीन बंजर ते औलाद कंजर’, इस लाइन को हटाया जाए।

कुत्ते का नाम जैकी चैन नहीं होना चाहिए, इसे बदला जाए।

शुरुआत में ये डिस्क्लेमर चले, ”फिल्म ड्रग्स के बढ़ते असर और इसके खिलाफ चल रही लड़ाई को दिखाती है। हम मानते हैं कि इसके लिए सरकार और पुलिस कोशिशें कर रही हैं। मगर ये लड़ाई लोगों के सहयोग के बिना नहीं जीती जा सकती।”

काल्पनिक कहानी से जुड़ा फिल्म का दूसरा डिस्क्लेमर बढ़ाने के लिए कहा गया।

17 जून को रिलीज होगी फिल्म

पंजाब राज्य में मादक पदार्थों के सेवन और युवाओं पर इसके पड़ने वाले इसके दुष्प्रभाव पर बनी ‘उड़ता पंजाब’ में शाहिद कपूर, करीना कपूर खान, आलिया भट और दिलजीत दोसांझ ने मुख्य भूमिका निभाई है। कश्यप ने कहा कि ‘उड़ता पंजाब से अधिक ईमानदार और कोई फिल्म नहीं है। और इसका विरोध करने वाला व्यक्ति या पार्टी वास्तव में ड्रग्स को बढ़ावा देने का दोषी है।’ अभिषेक चौबे के निर्देशन में बनी यह फिल्म 17 जून को रिलीज होने जा रही है।

अनुराग की ये फिल्में भी रहीं विवादित

– 1993 के मुंबई सीरियल बलास्ट पर बेस्ड अनुराग कश्यप की चर्चित फिल्म ‘ब्लैक फ्राइडे’ खूब विवादों में रही। जिस पर सेंसर बोर्ड ने रोक भी लगाई थी।

– अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैग्स ऑफ वासेपुर’ भी बहुत विवादों में रही। फिल्म में गालियों और अश्लीलता के कारण अनुराग को अपने आलोचकों का सामना करना पड़ा था।

– अनुराग कश्यप के एक शार्ट फिल्म का वीडियो वायरल होने से भी काफी विवाद हुआ था। जिसमें बॉलीवुड की एक्ट्रेस राधिका आप्टे ने फ्रंटल न्यूडिटी के सीन दिए थे। इसी तरह फिल्म पांच और गुलाल को लेकर भी अनुराग कश्यप विवादों में आ घिरे थे।

फिल्म के समर्थन में उतरा बॉलीवुड

‘उड़ता पंजाब’ हमारे दौर की सच्चाई बयान करती है। सच्चाई को सेंसर करना भुलावे जैसा है। सही के साथ खड़े रहना होगा।

करण जौहर, निर्माता

किसी फिल्म को सेंसर नहीं किया जाना चाहिए। सिर्फ प्रमाणपत्र देना चाहिए। उसे बनाने में बहुत पसीना बहाना पड़ता है। लेकिन इसका जवाब, और बेहतर फिल्में बनाना है।

सुधीर मिश्रा, निर्माता

सेंसरशिप डर की संतान और अनभिज्ञता का पिता है। क्या प्रहलाद निहलानी सुन रहे हैं। सेंसर्स का कहना है कि उड़ता पंजाब पर अंतिम फैसला मेरा होगा। देश कह सकता है कि उसे क्या चाहिए लेकिन, हमारा फैसला वही रहेगा।

महेश भट्ट, निर्माता

मुझे बहुत गुस्सा आ रहा है। क्या सच्चाई प्रदेश की छवि बिगाड़ सकती है? उड़ता पंजाब पर सेंसर, भ्रम है या मिली-भगत सरकार सच्चाई दिखाने वाली फिल्मों से इतनी डरती क्यों है, उड़ता पंजाब सेंसर्ड।

हंसल मेहता, निर्माता

प्रिय पीएमओ इंडिया, सीबीएफसी द्वारा लगातार फिल्म जगत को ब्लैकमेल किए जाने पर रोक लगाएं। फिल्मों से भारत को दिक्कत नहीं हो रही है।

रणबीर शौरी, अभिनेता

मुझे लगता है अब जल्द ही हमें अपनी फिल्मों की स्क्रिप्ट भी सेंसर बोर्ड में जमा करानी पड़ेगी।

निखिल आडवाणी, निर्माता

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