राजस्थान में उदयपुर के धानमंडी थानाक्षेत्र में बीते 28 जून को दर्जी कन्हैयालाल की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद अजमेर से लगातार कई विवादित बयान सामने आये थे. इन विवादित बयानों से ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में जियारत करने के लिए आने वाले जायरीन की आवक में बड़ा नकारात्मक असर पड़ा है. जायरीन की घटती संख्या से यहां के बाजारों में जबरदस्त मंदी देखी जा रही है. व्यापारियों का कहना है कि उदयपुर हत्याकांड के बाद से आये विवादित बयानों के चलते कारोबार में 60 फीसदी तक की गिरावट आ गई है.
खासतौर से दरगाह के इर्द-गिर्द बसे दरगाह बाजार, नला बाजार और दिग्गी बाजार के व्यापारियों का हाल बहुत बुरा है. पिछले एक पखवाड़े से यहां के बाजार खरीदारों के लिए तरस रहे हैं. इससे व्यापारी वर्ग खासा चिंतित है.
अजमेर में जहां जगत पिता ब्रह्मा का मंदिर है तो वहीं महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह भी है. ऐसे में यहां का कारोबार पूरी तरह से धार्मिक पर्यटन पर निर्भर है. इन बाजारों के व्यापारी पूरी तरह से जायरीन पर निर्भर रहते हैं.जहां दरगाह बाजार में पैर रखने की जगह नहीं होती, वहां अब खालीपन नजर आ रहा है. इसका सीधा असर यहां के व्यापार और व्यापारियों पर पड़ रहा है.
दरगाह बाजार में अधिकतर व्यापारियों ने दुकानें किराये पर ले रखी हैं. पिछले एक पखवाड़े से यहां जिस तरह का माहौल बना और बनाया गया उससे दुकानों का किराया तथा मजदूरों की तनख्वाह निकालना भारी पड़ रहा है. व्यापारी बताते हैं की ख्वाजा गरीब नवाज की हर महीने होने वाली महाना छठी पर जहां 30 हजार के करीब जायरीन अजमेर आते थे, वहीं इस बार उनकी संख्या महज 3 हजार तक ही सिमटकर रह गई. इसके अलावा, दरगाह बाजार के होटल और गेस्ट हाउस खाली पड़े हुए हैं.
उधर, खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती भी मानते हैं कि जायरीन की संख्या पर असर पड़ा है. अब डैमेज कंट्रोल के लिए अंजुमन कमेटी की और से सर्वधर्म रैली निकाली जाएगी. इसमें सभी धर्मों के धर्मगुरु शामिल होंगे और लोगो में वापस से विश्वास कायम किया जाएगा.