मीडिया के सामने आया गैंगस्टर विकास दुबे का ‘खजांची’ जय बाजपेयी, उजागर किया काली कमाई का सच!

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गैंगस्टर विकास दुबे का कथित फायनेंसर और कानपुर का व्यापारी जय बाजपेयी की गिरफ्तारी के बाद उसे कानपुर देहात की माती जेल भेज दिया गया है। जय पर आरोप है कि उसने बिकरू गांव में 2-3 जुलाई को 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में विकास दुबे और उसके साथियों को गोला-बारूद उपलब्ध कराया था। कानपुर मामले को लेकर मीडिया के सामने जय ने कई राज से पर्दे उठाए।

मीडिया के सामने जय ने खोले कई राज

कानपुर मुठभेड़ को लेकर जय ने कहा कि शनिवार को मुझे बुलाया गया था, जब-जब मुझे बुलाया गया तो मैं जब-जब गया। मेरा घटना से कोई लेना-देना नहीं है। परसो के पेपर में कप्तान साहब ने छापा, कल के पेपर में छपा। कल रात को मुझे बुलाया गया तो मैं गया।

jai bajpai

पैसों के लेन-देन को लेकर जय वाजपेई ने कहा कि मेरा 11 लाख 80 हजार रुपये का लेन-देन था, वो भी हमने उधार दिए थे। मेरी गाड़ियां भी वहीं थी, जिस दिन घटना हुई मैं तीन दिन से घर में रहा। मेरी घर की फुटेज है मेरी गाड़ियों की सब फुटेज है। सबमें मैं हूं। मार्च के बाद से मेरी कोई कार्ड डीटेल नहीं है, जबदस्ती मुझे फंसाया जा रहा है।

प्रशांत शुक्ला उर्फ डबलू भी गिरफ्तार

बता दें कि जय वाजपेयी के अलावा मारे गए एक अन्य गैंगस्टर बउआन दुबे का बहनोई प्रशांत शुक्ला उर्फ डबलू भी गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके मोबाइल की लोकेशन से पता चला है कि घटना की रात वह बिकरू गांव में मौजूद था।

कानपुर के एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु के अनुसार, जय बाजपेयी और डबलू पर आर्म्स एक्ट और अपराधिक साजिश की धारा 120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।

एसएसपी ने कहा कि उनके घर की तलाशी के दौरान 20 से अधिक कारतूस गायब पाए गए और जय बाजपेयी लापता गोला बारूद के बारे में नहीं बता सका।

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एक साल में हुआ 75 करोड़ रुपये का लेनदेन-

सूत्रों ने कहा है कि नरसंहार की जांच करने वाले विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को यह भी पता चला है कि जय बाजपेयी ने अपराध करने के बाद आरोपियों को घटनास्थल से भगाने में मदद करने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी की थी।

बाद में तीन लग्जरी कारें भी कानपुर में मिली थीं। कथित तौर पर तीन जुलाई की घटना के एक दिन बाद ही पुलिस ने जय बाजपेयी को उठा लिया था और उनसे गहन पूछताछ की गई थी।

रिपोटरें के अनुसार, पिछले एक साल में जय और विकास के बीच छह बैंक खातों के माध्यम से 75 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है। कथित तौर पर दोनों सट्टेबाजी के खेल में भी पैसा लगा रहे थे।

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मीडिएटर का काम करता था जय-

सूत्रों के मुताबिक जय बाजपेयी ने विकास दुबे और कई आईएएस, आईपीएस अधिकारियों, मंत्रियों और विधायकों के बीच मीडिएटर का काम किया।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “हम आगे की जांच के लिए यह सारी जानकारी इनकम टैक्स और ईडी को दे रहे हैं।”

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