लखनऊ: टमाटर एक बार फिर से अपना महंगाई का रंग दिखाना शुरू कर दिया है. बीतें दो सप्ताह में टमाटर और अदरक की कीमतों में रॉकेट की रफ्तार जितना इजाफा हुआ है. उत्तर भारत में हुई बेमौसम बारिश के कारण टमाटर के फसल को प्रभावित किया है, वहीं दूसरी ओर, अदरक के किसान अपनी फसल को रोक रहे हैं और पिछले साल हुए नुकसान की भरपाई के लिए कीमतों में इजाफा कर रहे हैं.
इस बीच, तरबूज के बीज की कीमत तीन गुना बढ़ गई है. वास्तव में इसे सूडान से इंपोर्ट किया जाता है और वहां पर सैन्य संघर्ष चल रहा है. जिसकी वजह से सप्लाई बेहद कम है. दिल्ली के एक व्यापारी संजय शर्मा ने कहते हैं कि एक किलो तरबूज के बीज की कीमत अब 900 रुपये है, जो सूडान संघर्ष से पहले केवल 300 रुपये थी.
टमाटर के दोगुने हुए दाम…
रिटेल मार्केट में पिछले दो हफ्ते पहले टमाटर की कीमत 40 रुपये से बढ़कर लगभग 80 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. टमाटर ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के अनुसार, बारिश के कारण फसलों को पहुंचे नुकसान के कारण आजादपुर मंडी (दिल्ली में) में टमाटर की सप्लाई कम हो गई है. नई फसलों के आने तक कीमतें कुछ हद तक स्थिर रहेंगी. कौशिक ने कहा कि दक्षिणी भारत से टमाटर की भारी मांग है, जिससे भी कीमतें बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि टमाटर अब हरियाणा और यूपी के कुछ हिस्सों से आ रहे हैं. कीमतें कम से कम दो महीने तक स्थिर रहने की संभावना है.
अदरक की कीमत में इजाफा…
अदरक की कीमत जो 30 रुपये प्रति 100 ग्राम थी, अब बढ़कर 40 रुपये हो गई है. ऑल इंडिया वेजिटेबल ग्रोअर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्रीराम गढ़वे कहते हैं कि पिछले साल किसानों को कम कीमत की वजह से नुकसान उठाना पड़ा था. इस बार वे बाजार में सावधानी से फसल उतार रहे हैं. अब जब कीमतें बढ़ गई हैं, तो वे अपनी फसल बेचना शुरू कर देंगे. भारत का वार्षिक अदरक उत्पादन लगभग 2.12 मिलियन मीट्रिक टन है.
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