रावण का पुतला तैयार करता है काशी का ये मुस्लिम परिवार

0

काशी में रहने वाले शमशाद ने बताया कि दशहरा के रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाथ के पुतले को बनाने के लिए उनका पूरा परिवार जुटा रहता है. डेढ़ से दो महीनें तक वो 15 घण्टे काम कर 70 फीट ऊंचे रावण को तैयार करते हैं.
बाबा विश्वनाथ का शहर बनारस पूरी दुनिया में अपनी सांस्कृतिक के लिए जाना जाता है.आज भी इस प्राचीन शहर में हर त्योहार को हिन्दू मुस्लिम भाई मिलकर मनाते हैं. बुराई पर अच्छाई के प्रतीक का पर्व दशहरा पर भी इसकी झलक देखने को मिलती है. शहर के बनारस रेल इंजन कारखाना (BLW) दशहरा में होने वाले रामलीला के लिए मुस्लिम परिवार रावण के पुतले को तैयार करता है,कहा जाता है कि वाराणसी और आस पास के जिलों में जलने वाला ये सबसे बड़ा रावण होता है. दशहरा की शाम रामलीला के मंचन के साथ हजारों लोगों के उपस्तिथि में इस रावण को जलाया जाता है.

Varanasi Dussehra
Varanasi Dussehra

70 फीट ऊंचे रावण, 65 फीट के मेघनाथ और 60 फीट के कुम्भकर्ण को बनाने में करीब 2 लाख रुपये का खर्च आता है,और करीब 50 हजार रुपये के पटाखे लगाए जाते हैं. शमशाद ने यह भी बताया कि उन्हें और उनके परिवार को इस काम में खुशी के साथ ही सुकून भी मिलता है. यही वजह है कि शमशाद का परिवार पूरे सिद्दत से इस काम में जुटा रहता है. इसकी तैयारी करीब एक महीने पहले से ही शुरू हो जाती है.
काशी के बीएलडब्लू के इस मैदान में होने वाले रावण दहन को देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं. शाम 4 बजने के साथ ही यहां का रामलीला मैदान भक्तों की भीड़ से भर जाता है,और भक्तों की भीड़ मैदान के बाहर से भी इस लीला को देखती है.

Also Read:  मो. निसार ने अपनाया सनातन धर्म, बड़ी दिलचस्प है हिंदू बने सोनू सिंह 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More