इन गांवों में बसता है हिन्दुस्तान का दिल…

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बीते कुछ सालों में गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन करने वाले ग्रामीणजनों की संख्या में निरन्तर बढ़ोत्तरी देखी जा रही हैं। इससे कई प्रकार के असंतुलन भी उत्पन्न हो रहे हैं। फिर भी वो भारत बदल रहा है, जिसकी 65 फीसदी आबादी अभी भी ग्रामीण इलाकों में रहती है। देश में आज भी कई ऐसे गांव हैं, जो आधुनिकता के मामले में शहरों से कम नहीं है। आइए, हम आपको कुछ ऐसे ही गांवों से रू-ब-रू करवाते हैं, जिनके बारे में जान कर आप शहर में रहने का ख्वाब देखना बंद देंगे।

सोलर पावर वाला पहला गांव

पिछले 30 वर्षों तक अंधेरे में डूबे रहने वाला बिहार के धरनई गांव की गलियां, स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्र आज दुधिया रोशनी से गुलजार है। ग्रीनपीस कंपनी के द्वारा धरनई में सौर ऊर्जा चालित माइक्रो ग्रिड की स्थापना की गई है। इस माइक्रो ग्रिड की क्षमता 100 किलोवाट है। इसके सहारे गांव के डेढ़ सौ से ज्यादा परिवारों को किफायती बिजली मिल रही है। यहां के किसान पूरी तरह से सोलर प्लांट से ही खेती करते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के घरों में सौर ऊर्जा के सहारे बिजली आपूर्ति का यह अनूठा मॉडल है।

सबसे अमीर गांव

महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में बसा है हिवरे बाजार गांव, इस गांव की किस्मत यहां के लोगों ने खुद लिखी है। यह गांव कभी पानी के लिए तरसता था, आज उसका नाम देश के अमीर गांवों में गिना जाता है। महज 305 लोगों का गांव, जिनमें से 80 लोग करोड़पति हैं। बेशक यह बात चौंकाने वाली लगती है, लेकिन सच है। इस गांव में एक भी मच्छर नहीं है। गांव के सरपंच एक भी मच्छर ढूंढ देने पर 400 रुपए का इनाम देते हैं। इस गांव में न पानी की कमी है, न हरियाली की।

100 प्रतिशत साक्षरों का गांव

केरल का पोथनिक्कड गांव, भारत का पहला ऐसा गांव है, जहां 100 फीसदी साक्षरता दर है। 2001 की जनगणना के अनुसार, इस गांव में 17,563 लोग शिक्षित थे। यहां सरकारी स्कूलों के साथ-साथ कई बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूल भी हैं।

पक्षियों वाला एक गांव

कर्नाटक का कौकरेवैल्लोर गांव पक्षियों के लिए मशहूर है,यहां 21 तरह के पक्षियों की प्रजाति पायी जाती है। ग्रामीण इन्हें अपने परिवार के सदस्यों की तरह रखते हैं। पर्यटक इस गांव में पक्षियों को देखने के लिए आते हैं। यहां पक्षियों के लिए अलग से लोग सारी व्यवस्था देते है। जैसे उनके घायल होने पर इलाज की व्यवस्था भी ग्रामीणों के द्वारा ही कराया जाता है।

वाई-फाई से लैस गांव

गुजरात के पंसारी गांव को साल 2011 में बेहतरीन ग्राम पंचायत का पुरस्कार मिल चुका है। गु पंसारी गांव मैट्रो शहरों को भी मात देता है। बता दें कि ये गांव पूरी तरह से वाई-फाई से लैस है। यहां बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूलों में एसी क्लासरूम्स की सुविधा है।

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बेटी के जन्म पर बंटती है मिठाई

हरियाणा में एक गांव है छापर जहां बेटी पैदा होने पर पूरे गांव में मिठाई बांटी जाती है। गौरतलब है कि हरियाणा बेटियों की हत्या को लेकर कुख्यात है, लेकिन यहां की सरपंच नीलम ने पूरे गांव की सोच को ही बदल दिया है।

जहरीले पानी से मिली मुक्ति

यूपी के बलिया में पानी में आर्सेनिक की मात्रा ज्यादा पायी गई है जिसके कारण ग्रामीण लोग  बीमार हो जाते थे। 95 साल के धनिकराम वर्मा ने लोगों को कूएं का पानी पीने के लिए जागरूक किया। अब गांव के लोग खुद कुआं खोदकर, उस पानी का इस्तेमाल पीन के लिए करने लगे हैं।

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