एक अनोखा मंदिर..जहां होती है बिना सूंड वाले गणपती की पूजा
देश में एक ऐसा स्थान है जहां बिना सूंड के भगवान गणेश का मंदिर है। जी हां चौकिये नहीं। एक मंदिर ऐसा भी है जहां बिना सूंड वाले गणपती भगवान की पूजा की जाती है। बिना सूंड वाली ये प्रतिमा इतनी आकर्षक है कि जो भी भक्त एक बार प्रतिमा देख लेता है वो देखता ही रह जाता है।
देश में ये एक मात्र ऐसा मंदिर है
शहर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर स्थित गणपती भगवान के बाल रूप को देखकर यहां आने वाला हर भक्त मंत्रमुग्ध हो जाता है। बिना सूंड वाले गणपती भगवान को देखकर लोग चकित भी हो जाते हैं। देश में ये एक मात्र ऐसा मंदिर है जहां बिना सूंड वाले गणेश जी की प्रतिमा है।
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गणेश जी का यह प्राचीन मंदिर राजस्थान की राजधानी जयपुर में है। यह मंदिर गढ़ गणेश के नाम से विख्यात है। गणपती भगवान के आशीर्वाद से ही जयपुर की नींव रखी गई थी। नाहरगढ़ की पहाड़ी पर महाराजा सवाई जयसिंह ने अश्वमेघ यज्ञ करवा कर गणपती भगवान के बाल्य स्वरूप वाली इस प्रतिमा की विधिवत स्थापना करवाई थी।
350 साल पुराना है
इसके बाद जयपुर की नींव रखी गई थी। मंदिर के पास खड़े होकर देखने से पूरा जयपुर का विहंगम दृश्य दिखाई देता है।यह मंदिर रियासत कालीन है और करीब 350 साल पुराना है।मंदिर में मूर्ति की तस्वीर लेना प्रतिबंधित है।मंदिर में गणपति को इस प्रकार प्रतिष्ठित किया गया है कि सिटी पैलेस के इन्द्र महल से वे दूरबीन से साफ दिखाई देते हैं।
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कहते हैं इंद्र महल से महाराजा दूरबीन से भगवान के दर्शन किया करते थे। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए हर रोज एक सीढ़ी का निर्माण होता था। इस तरह पूरे साल तक निर्माण चलता रहा और 365 सीढ़ियां बन गईं।
भगवान से मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूरी होती है
जो भी इन सीढिय़ों से होकर जाता है वो 12 महीने और 365 दिन को दिखाई सीढिय़ों से गुजरता है। इस मंदिर तक जाने से पहले रास्ते में एक शिव मंदिर आता है जिसमें पूरा शिव परिवार विराजमान है। बिना सूंड वाली गणेश प्रतिमा के दर्शन के लिए देश के कोने-कोने से भक्त आते हैं। कहते है कि गढ़ गणपती भगवान से मांगी जाने वाली हर मनोकामना पूरी होती है। मंदिर परिसर में दो चूहे स्थापित है जिनके कान में भक्त अपनी इच्छाएं बता कर जाते है और चूहे उन इच्छाओं को बाल गणपती भगवान तक पहुंचाते है। चूंकि मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की सख्त मनाही है, ऐसे में हम आपको बाल गणपती भगवान की फोटो नहीं दिखा पा रहे हैं।
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