1984 में हुए सिख दंगों की जांच कराएगी ‘योगी सरकार’

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1984 में हुए सिख दंगों की जांच अब योगी सरकार कराएगी। 1984 के सिख दंगों की जांच के लिए योगी सरकार ने एसआईटी बनाई। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों की जांच होगी।

पूर्व डीजी अतुल इस एसआईटी की अध्यक्षता करेंगे। रिटायर्ड जज सुभाषचंद्र अग्रवाल, रिटायर्ड एडी अभियोजन योगेश्वर कृष्ण श्रीवास्तव,एक एसएसपी या एसपी भी सदस्य सचिव बनाए गए। छह महिने के लिए एसआईटी का गठन किया गया है।

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आपको बता दें कि 34 साल पहले 1 नवंबर, 1984 को भारत के इतिहास की सबसे भयानक घटना घटी थी। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश भर में सिख विरोधी दंगा फैल गया था और हजारों सिखों को निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया था।

31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी के दो सिख बॉडीगार्ड ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। उनकी हत्या के बदले का बहाना बनाकर निर्दोष सिखों को निशाना बना गया। उनको मौत के घाट उतारा गया, उनके दुकान और मकान को लूटा गया और महिलाओं का बलात्कर किया गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली, कानपुर, राउरकेला और देश के अन्य शहरों में दिन दहाड़े 15,000 सिखों की हत्या कर दी गई। अकेले दिल्ली में ही दिन दहाड़े 6 से 7 हजार निर्दोष लोगों की हत्या कर दी गई थी।

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