‘विलेज रॉकस्टार्स’ गरीब और प्रतिभाशाली बच्चों की कहानी
असम की फिल्मकार रीमा दास की फिल्म ‘विलेज रॉकस्टार्स’ का तालियों की गड़गड़ाहट के बीच टोरंटो फिल्म महोत्सव में वर्ल्ड प्रीमियर हुआ। रीमा के गुवाहाटी के पास के गांव छायगांव की पृष्ठभूमि पर आधारित ‘विलेज रॉकस्टार्स’ की कहानी गरीब लेकिन प्रतिभाशाली बच्चों के बारे में है।
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अभाव के बीच ग्रामीण बच्चे खुशी से रह रहे हैं
रीमा ने दर्शकों को फिल्म से परिचित कराते हुए शनिवार को कहा, “यह फिल्म आनंद और खुशी के बारे में हैं। यह साधारण चीजों में खूबसूरती पाने के बारे में है। उन बच्चों के पास कम संसाधन है, लेकिन वे बहुत खुश हैं।”फिल्म की शुरुआत में दिखाया जात है कि रॉक बैंड से जुड़कर बच्चे मौज-मस्ती कर रहे हैं। कहानी आगे बढ़ने के साथ इसमें दिखाया गया है कि कैसे गरीबी और अभाव के बीच ग्रामीण बच्चे खुशी से रह रहे हैं।
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इन छोटे लड़कों के बैंड में 10 वर्षीय एक लड़की धुनु भी है। पिता के निधन के बाद मां ने उसकी परवरिश की। धुनु इस बैंड की अभिन्न सदस्य है। फिल्म बनाने का विचार आने के बारे में फिल्मकार ने कहा, “मैं मुंबई अभिनेत्री बनने गई थी। वहां मेरा परिचय वर्ल्ड सिनेमा से हुआ और मैंने फिल्में बनाने का फैसला किया।”
मुंबई में उन्हें नई चीजों के बारे में जानने को मिला
उन्होंने कहा कि मुंबई में उन्हें नई चीजों के बारे में जानने को मिला, लेकिन उन्हें कुछ कमी महसूस हो रही थी। वह अपने गांव गईं और वहां उन्हें ये छोटे बच्चे मिले। एक दिन उन्होंने कहा कि वह उन लोगों पर फिल्म बनाएंगी।
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धुनु बाद में इसका हिस्सा बनी
उन्होंने बताया कि बच्चे यह सुनकर बहुत उत्साहित हो गए और उन लोगों ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया। रीमा ने हंसते हुए कहा, “चूंकि उन लोगों ने बहुत ज्यादा तंग करना शुरू कर दिया तो मैं उनसे कन्नी काटने लगी।”आखिरकार रीमा ने फिल्म बनाने का फैसला किया और शूटिंग शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि फिल्म में पहले केवल लड़के ही थे, धुनु बाद में इसका हिस्सा बनी।
गांव में किरदारों को जानना काफी आसान
रीमा ने फिल्मांकन खुद किया, इसलिए तीन साल से ज्यादा के समय में 150 दिन इसकी शूटिंग हुई। फिल्मकार ने कहा कि यह फिल्म उनकी पहली फिल्म ‘अंतर्दृष्टि’ का विस्तार है। उन्होंने अपने गांव की पृष्ठभूमि में फिल्म बनाने के बारे में पूछे जाने पर कहा कि कहानी उनकी है, लेकिन किरदारों को जानना भी जरूरी था और अपने गांव में किरदारों को जानना काफी आसान था।
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