गायों के अच्छे दिन, करोड़ों खर्च को मिली मंजूरी, होगी गिनती
यूपी के सीएम ने गायों के लिए बड़ा फैसला लिया है, या ये कह लें कि गायों के अच्छे दिन आ गए हैं। सूबे की सरकार ने गायों की गिनती कराने के साथ ही उनकी देखरेख के लिये करोड़ों खर्च करने की मंजूरी दे दी है। साथ ही गौशालाएं बनाये जाने के आदेश दिये हैं। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने प्रदेश में तमाम गायों और दूसरे गोजातीय पशुओं की गिनती कराने का फैसला लिया है।
गायों के साथ-साथ भैंस, सुअर, बकरी और भेड़ की भी गिनती कराएंगे
इस बाबत पेश किए गए प्रस्ताव पर योगी कैबिनेट ने मुहर लगा दी है। गोप्रेमी मुख्यमंत्री की सरकार है, तो सूबे की हर गाय की सरकार गिनती कराएगी। योगी सरकार ने इस काम के लिए खास बजट भी बना लिया है। यूपी में गायों की गिनती के लिए कुल 7.86 करोड़ रुपए का बजट सीएम योगी ने आवंटित किया है। यहां ये बात काबिलेगौर है कि सरकार सिर्फ गायों की ही गिनती नहीं कराने जा रही है। सूबे के सरकारी अधिकारी गायों के साथ-साथ भैंस, सुअर, बकरी और भेड़ की भी गिनती कराएंगे।
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इसके अलावा ये फैसला भी लिया गया है कि राज्य को चार हिस्सों में बांटा जाएगा और जानवरों का मेला लगाया जाएगा। इन मेलों में जानवरों को मुफ्त इलाज दिया जाएगा और उनका बीमा भी कराया जाएगा। वैसे यूपी में पालतू पशुओं की गिनती कराने वाली योगी सरकार कोई नई नहीं है। इससे पहले आखिरी बार ऐसा सर्वे 2012 में किया गया था, उस वक्त गायों की कुल संख्या 205.66 लाख थी, जबकि भैंस की संख्या 306.25 लाख थी, बकरी-भेड़ की संख्या 155.86 लाख थी जबकि 13.34 लाख सुअर थे। ऐसे में एक बार फिर से इनकी जनगणना से सही संख्या की जानकारी मिलेगी।
क्या है गायों की वास्तविक स्थिति
गौशालायें पहले भी बनाई गई थीं लेकिन गायों की स्थिति में कुछ खास सुधार नहीं हुआ था और आलम ये हो गया है कि गांवों से लेकर शहरों तक इन मवेशियों का आतंक इतना बढ़ गया है कि किसान फसल बोने से डर रहा है तो वहीं शहर में चलना मुश्किल हो गया है।अब देखना ये होगा कि क्या योगी सरकार द्वारा उठाए जा रहे इस कदम से गायों की स्थिति में कुछ सुधार होगा या फिर सिर्फ दिखावे के नाम पर गौशालाएं ही बनेंगी? आमतौर पर देखा जाता है जानवरों के मालिक बीमारी हालत में उन्हें सड़कों पर छोड़ देते है। नतीजन इलाज के अभाव में इन जानवरों की मौत हो जाती है।
गायों पर होता है ये खर्च
एक स्वस्थ गाय का वजन 400-450 किलो होता है जो दिन में करीब 8-10 किलो चारा खाती है। खाने में घास, जवार, मूंगफली और दालों के छिलके आते हैं जो करीब 7 रुपए किलो की दर से बाजार में मिलता है। वहीं सबसे सस्ता चारा गेहूं का तूड़ा भी 6 रुपए किलो है। इस तरह एक गाय पर दिन में 60 से 70 रुपए खर्चा है। इसके अलावा गायों को करीब खल, चापड़, तिल्ली की खड़, कपासिया दिया जाता है जो 15-16 रुपए प्रति किलो की दर से मिलता है। गौशालाओं में ढाई किलो दूध के लिए 1 किलो दाना दिया जाता है। इसके अलावा गायों पर एक आदमी की मेहनत भी शामिल है। इस तरह एक गाय पर चारा, पानी और मेहनत को जोड़कर औसतन 95 रुपए खर्चा होता है।
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