रेमडेसिविर की पूरी कहानी, कहाँ से आती है और क्यूँ है मारामारी

रेमडेसिविर इंजेक्शन एक एंटी वायरल दवा है जिसका उपयोग Hepatitis C और सांस संबंधी वायरस (RSV) का इलाज करने के लिए की जाता है. यह दावा करीब एक दशक पहले अमेरिका स्थित दवा कंपनी मैसर्स गिलियड साइंसेज ने बनायी थी.

0

देश इस वक़्त कोरोना महामारी की दूसरी लहर से लड़ रहा है, हालत ये हैं की हर रोज़ नए केसेस की संख्या के रिकॉर्ड टूट रहे हैं और हजारो लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गवां रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकारे महामरी के संक्रमण पर काबू पाने के लिए हर तरीके से प्रयास कर रही है. स्वास्थ्य व्यवस्थाएं बुरी तरह से चरमरा गई हैं और कई जगहों पर लोगों को दवाओं से लेकर ऑक्सीजन तक के लिए तरसना पड़ रहा है। इन सबके बीच एक ऐसी दवा है जिसे लेकर इस महामारी के बीच मारामारी हो रही है और वो है रेमडेसिविर (Remdesivir) इंजेक्शन।

यह भी पढ़ें : 1975 के ‘धर्मयुग’ की रामनवमी, ‘जानकी की तलाश’

क्या है रेमडेसिविर

रेमडेसिविर इंजेक्शन एक एंटी वायरल दावा है जिसका उपयोग हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस (RSV) का इलाज करने के लिए की जाता है. यह दावा करीब एक दशक पहले अमेरिका स्थित  दवा कंपनी मैसर्स गिलियड साइंसेज ने बनायी थी.

देश में दवा की उपलब्धता बढ़ाने के लिए 11 अप्रैल से केंद्र ने दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है और कई राज्य सरकारों ने अस्पतालों को कोविड-19 संक्रमण के गंभीर मामलों में ही पीड़ित लोगों को ही दवा देने का निर्देश दिया है।

तत्काल देश में सात भारतीय कंपनियां मैसर्स गिलियड साइंसेज के साथ स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते के तहत रेमेडिसविर का उत्पादन कर रही हैं। उनके पास प्रति माह लगभग 38.80 लाख यूनिट दवा का उत्पादन करने की क्षमता है। हालांकि, आज तक इस बात का कोई सबूत नहीं है मिला कि इस दवा कोरोनोवायरस को ठीक करने में मदद करती है।

रेमडेसिविर
Remdesivir

क्यों बनाई गई थी रेमडेसिविर

महामारी के बीच मारामारी कराने वाली इस दावा को मूल रूप से Hepatitis-C के इलाज के लिए विकसित किया गया था और बाद में इसे इबोला वायरस के खिलाफ भी परीक्षण किया गया। इस दावा की ख़ास बात ये भी है की कोविड -19 रोगियों में मृत्यु दर को कम करने में मदद करती है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने इंडिया टुडे को को बताया कि पांच नैदानिक ​​परीक्षणों के निष्कर्षों से पता चला है कि रेमडेसिविर ने कोविड -19 संक्रमण के एक गंभीर मामले में पीड़ित लोगों के बीच यांत्रिक वेंटिलेशन की आवश्यकता को कम नहीं किया है।

यह भी पढ़ें : Earth Day 2021: नेट-जीरो एमिशन की ओर बढ़ चुका है भारत

 

सात अलग दावा कंपनिया भारत में करती हैं उत्पादन

कोरोना के इस संकट के दौर में भारत में इस दवा का उत्पादन  सिप्ला, जाइडस कैडिला, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा, हेटेरो, माइलैन, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज जैसी कई कंपनियां करती रही हैं।

घरेलू बाजार में रेमडेविर की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए डीजीएफटी द्वारा 11 अप्रैल 2021 को रेमेडिसविर, एपीआई और फॉर्मूलेशन को निर्यात प्रतिबंध के तहत रखा गया था। हाल ही में सरकार ने इसकी कीमतों में भी कमी की है। वहीं डीसीजीआई द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों के प्रवर्तन अधिकारियों को रेमेडिसविर की काला-बाजारी, जमाखोरी एवं अधिक कीमत वसूली की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।

 

देश मे रेमिडिसिविर की स्तिथि

देशभर से रेमिडिसिविर की मांग उठ रही है. कालाबाजारी की भी खबरें आ रही हैं….जैसा फिल्मो में देखते थे ना दवाईयों के लिए मारामारी, उसी तरह के हाल देश में पनप रहे हैं, आपने अलग-अलग राज्यों से खबरें सुनी भी होंगी. इस बीच केंद्र सरकार ने 21 अप्रैल से 30 तक के लिए रेमिडिसिविर को 19 राज्यों के लिए आवंटित किया है.
अगर इनमें से किसी राज्य को आवश्यकता नहीं होती है या वो रेमिडिसिविर को 30 अप्रैल से पहले यूटिलाइज नहीं कर पाते हैं तो वो किसी और राज्य को आवंटित कर दिए जाएंगे.
ये तो हो गई डेटा और आदेश निर्देश की बात अब असली बात ये है कि जिस तरीके का आंवटन हुआ है उसमें किस राज्य को कितना ये जीवनदायक इंजेक्शन मिलता है.
डेटा एनालिसिस से पता चलता है कि वो महाराष्ट्र जहां ककरीब 6 लाख 70 हजार एक्टिव मरीज हैं वहां हर 100 एक्टिव मरीज पर 40 ही रेमिडिसिवर की उपलब्धता होगी.
और इसी ऐआवंटन के मुताबिक करीब 61600 एक्टिव केस वाले गुजरात में प्रति 100 मरीज पर 265 रेमिडिसिवर इंजेक्शन राज्य को मिल सकेगा.
यूपी को प्रति 100 मरीज पर 64, छत्तीसगढ़ को 39 राजस्थान को 40 हासिल हो सकेगा.

[better-ads type=”banner” banner=”100781″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More