अमेरिका में नहीं थम रहा भारतीय छात्रों की मौत का सिलसिला, 3 महीने में हुईं 11 मौतें

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अमेरिका में पिछले कुछ समय से भारतीय छात्रों की मौत के मामलों में काफी तेजी आई है. बीते 3 महीनों में 10 छात्रों की संदिग्ध अवस्था में मौतें हुई हैं. जिसमें कुछ ऐसी भी थी, जो सीधे-सीधे हत्या से जुड़ी हुई थीं. इन सबके बीच मंगलवार यानी कि 9 अप्रैल को एक और छात्र की संदिग्ध हालत में लाश मिलने के बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इन मौतों में कुछ को स्वाभाविक बताया जा रहा है, लेकिन कुछ ऐसी मौतें हुई हैं, जिनको लेकर संदेह भी है, कि उनकी हत्याएं हुई हैं.

2024 में अब तक 11 छात्रों की मौत

इस साल जनवरी से लेकर 9 अप्रैल तक 11 भारतीय छात्रों की मौत हुई है. जिसमें 9 अप्रैल को मरने वाला छात्र हैदराबाद का मोहम्मद अब्दुल अरफात था. जिसने 2023 में क्लीवलैंड स्टेट यूनिवर्सिटी में पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा था. अब्दुल ओहियो में संदिग्ध हालत में मृत पाया गया था. जिसके बाद भारतीय दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ को-आर्डिनेट कर मामले की जांच कराए जाने की बात कही है.

इन छात्रों के साथ हुईं घटनाएं

इससे पहले इसी सप्ताह में क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली भारतीय छात्रा उमा सत्य साई गड्डे का शव पड़ा मिला था. जिसे भारतीय वाणिज्य दूतावास ने रहस्यमय तरीके से हुई मौत करार दिया था.

इसके अलावा कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें भारतीय छात्रों पर हमले किए गए, जिसमें उनकी मौत हो गई. इसी साल मार्च महीने में कोलकाता के रहने वाले अमरनाथ घोष की मिसौरी के सेंट लुइस में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले की जांच अभी की जा रही है.

पिछले महीने 11 मार्च को आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के रहने वाले 20 वर्षीय पारुचुरी अभिजीत की कथित तौर पर हत्या कर शव को जंगल में फेंक दिया गया था. अभिजीत का शव जंगल में एक लावारिस कार में मिला था. अभिजीत के परिवार ने हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन अमेरिका के स्थानीय प्रशासन ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था. भारतीय दूतावास ने भी इसमें किसी तरह की साजिश होने से इनकार किया था.

9 मार्च को जेट स्की की टक्कर में तेलंगाना के एक 27 वर्षीय युवक की जान चली गई थी. अमेरिका की स्थानीय मीडिया में छपी रिपोर्ट में छात्र की पहचान वेंकटरमण पित्तला के तौर पर हुई थी, वेंकटरमण काजीपेट जिले का रहने वाला था. वेंकट इंडियाना से मास्टर की पढ़ाई कर रहा था.

वेंकटरमण की मौत को लेकर दावा किया गया कि यह घटना विक्टोरिया द्वीप के पास फ्यूरी खेल मैदान में हुई थी. लेकिन यहां पर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं, क्योंकि वेंकटरमण के साथ जो 14 वर्षीय लड़का था, वह भी इस दुर्घटना में शामिल था, लेकिन वह भागने में सफल रहा था.

इन सबके बीच समीर कामथ नाम के युवक की मौत हुई थी. 5 फरवरी को कामथ का शव विलियम्सपोर्ट, इंडियाना में NICHES लैंड ट्रस्ट – क्रो ग्रोव के जंगल में पाया गया था. इस घटना की जांच में दावा किया गया कि भारतीय अमेरिकी छात्र कामथ ने खुद को गोली मारी थी.

इसी साल 2 फरवरी को 41 वर्षीय विवेक तनेजा की एक झगड़े के दौरान हत्या कर दी गई थी. स्थानीय पुलिस के अनुसार, तनेजा की किसी व्यक्ति के साथ लड़ाई हुई थी, जिसने सड़क पर गिराकर विवेक तनेजा को डिवाइडर पर पटक दिया था. जिससे उसकी मौत हो गई थी. पुलिस का कहना था कि आरोपी की सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पहचान करने में जुटी हुई है.

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इन मौतों के अलावा हरियाणा के रहने वाले छात्र विवेक सैनी की लिथोनिया शहर में पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी. भारतीय छात्र श्रेयस रेड्डी बेनिगेरी की मौत भी इसी साल रहस्यमय तरीके से हो गई थी. 1 फरवरी को, न्यूयॉर्क में भारतीय दूतावास ने जानकारी दी थी कि इलिनोइस विश्वविद्यालय अर्बाना-शैंपेन में एक 18 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी छात्र, अकुल बी धवन, हाइपोथर्मिया के लक्षणों के साथ पिछले महीने मृत पाया गया था। वह 20 जनवरी को लापता हो गया था.

लगातार हो रहीं भारतीय छात्रों की मौत को लेकर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने छात्रों से सतर्क रहने की अपील की है. इसके साथ गार्सेटी ने इस बात पर भी जोर दिया है कि भारतीय छात्रों को अपने साथियों के साथ हमेशा संपर्क में रहने के अलावा परिसर में सुरक्षा साधनों का इस्तेमाल करना चाहिए.

इन सब मामलों को देखने से कहीं न कहीं एक संदेह जरूर पैदा होता है कि अमेरिका में जिस तरह से भारतीय छात्रों की मौतें हो रही हैं, उसके पीछे कहीं टारगेट किलिंग जैसा कुछ तो नहीं हो रहा है. क्योंकि एक के बाद एक लगातार भारतीय छात्र अपनी जान गंवा रहे हैं. ये आंकड़े भारतीय अभिभावकों के मन में भी डर पैदा कर रहे हैं. जो अपने बच्चों को विदेशों में भविष्य बनाने के लिए भेजने की सोचते हैं या फिर भेज चुके हैं.

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