भारत में कोरोना भढने का कारण आया सामने, इससे बढ़ रहे केस, बच्चों के लिए खतरा
भारत में कोरोना वायरस के मामलो में रोज वृद्धि देखने को मिल रही है. इसी में कोरोना का एक नया वेरियंट सामने आया है. जो लोगों पर अपना तेजी से प्रभाव दाल रहा हैं. अभी तक कोरोना के नए वेरियंट XBB.1.16.1 के 9 राज्यों में कुल 116 मामले हैं. ये वेरिएंट बच्चों में भी देखने को मिल रहा है. आँखों का लाल होना इसका एक नया लक्षण सामने आया है. कोरोना के वेरिएंट में इस बदलाव का जिक्र बीते शुक्रवार को अधिकारियों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में किया गया.
सब वेरियंट रूप बदलने के बाद आया सामने…
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा आयोजित की गई बैठक में बताया गया कि ओमिक्रॉन के स्वरूप बदलने के बाद एक्सबीबी सब वेरिएंट सामने आया था. एक्सबीबी ने अपना स्वरूप बदला तो एक्सबीबी.1.16 सामने आया है. बताया जा रहा है कि यही वेरिएंट भारत में बढ़ते मामलों का सबसे बड़ा कारण है. गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, दिल्ली, तमिलनाडु, हरियाणा, केरल औ पुडुचेरी में इससे जुड़े मामलों की पुष्टि हुई है. वहीं देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के 6155 नए मामले मिले हैं.
रफ्तार में है एक्टिव मरीजों की संख्या…
तेजी से बढ़ रही नए मामलो की संख्या से देश में इस वक्त एक्टिव मरीजों की संख्या 31,194 हो गई है. रोजाना एक्टिव केस रेट में 5.63 फीसदी है. जबकि साप्ताहिक दर 3.02 फीसदी है. पुडुचेरी प्रशासन ने कोरोना के बढ़ रहे मामलो को देखते हुए सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है. बीते शुक्रवार को दिल्ली में पिछले एक सप्ताह में कोरोना वायरस संक्रमण के 3,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि इसी अवधि में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 121 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है.
दिल्ली में 600 से ज्यादा मिले कोरोना मरीज…
आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली. राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को 606 मामले सामने आए, जो 16.98 फीसदी की संक्रमण दर के साथ पिछले सात महीनों में सबसे अधिक हैं. शहर में 26 अगस्त को 620 मामले दर्ज किए गए थे. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, शहर में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या 2,060 रही और इसमें 30 मार्च के बाद 121 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई. 30 मार्च को उपचाराधीन मरीजों की संख्या 932 थी.
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