#UPInvestorsSummit : कहीं मेहमानों के सामने ना कट जाए नाक

0
 राजधानी लखनऊ में महीनों से इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियां चल रहीं हैं। लेकिन देखने वाली बात तो ये है कि जहां ये समारोह होना है इसके आस पास की सड़कों और साज-सज्जा पर तो पूरी तरह से ध्यान दिया गया है लेकिन उन जगहों का क्या जो उस क्षेत्र से अलग है। दरअसल सारी साजो सजावट सिर्फ गोमतीनगर और इससे सटे इलाकों तक ही सीमित है। सारी मशक्कत कार्यक्रम क्षेत्र तक ही है।  इसके बाहर आते ही तस्वीर प्रदेश की माली हालत बयान कर देगी।

चौक ऐतिहासिक इलाके से कम नहीं

लखनऊ में कई इलाके ऐसे जहां लोग जाना घूमना और उसे देखना पंसद करते है। लेकिन वहां तक पहुंचने के दौरान जिन सड़कों और जगहों से होकर गुजरना होगा वहां के हालात अच्छे नहीं है। जैसे लखनऊ की बड़ी मार्केटों में से एक अमीनाबाद का हाल तो जग जाहिर है और चौक ऐतिहासिक इलाके से कम नहीं।

अगर ऐसे में मेहमान इन जगहों की तरफ गलती से भी पहुंच गए तो सारे किए कराए पर पानी फिरना तय है। इतना ही नहीं कोई भी मेहमान अगर लखनऊ आता है तो वो यहां के ऐतिहासिक इमारतों को देखने जरुर जाता है। ऐसे में अगर कोई मेहमान लखनऊ के उन क्षेत्रों की तरफ रुख कर दिये तो क्या सारी पोल खुल के नहीं रह जायेगी। क्योंकि चौक मेडिकल कालेज के पीछे फूलमंडी वाली रोड पर तो हमेशा से ही गंदगी की भरमार रहती है।

सड़कें तो न जाने कितनी बार बनी औऱ टूटती गई हैं। इस इलाके में साज सज्जा भी ना के बराबर है। सरकार ने सारी मेहनत गोमतीनगर इलाके में झोंक दी पर उन इलाकों का क्या जो सैर-सपाटे और लखनऊ का इतिहास बता रहे है। वहां पर खास इंतजाम और साज-सज्जा पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया। जबकि चौक में सबसे अधिक कारखाने है। चिकन, जरदोजी और सबसे बड़ी बात लखनवी लजीज व्यंजन भी वहीं बिकता है। इन सब के बावजूद व्यवस्था और साफ सफाई के नाम पर वहां ढाक के तीन पात है।

गलती से इन जगहों पर न चले जाएं मेहमान

चारबाग से गंज आने वाले रास्ते में आजकल मेट्रो का काम चल रहा जिसकी वजह से सड़कों पर जगह जगह गड्डे पड़े है। इतना ही नहीं चारबाग से केकेसी कालेज की ओर गलती से कोई चला गया तो अच्छी खासी फजीहत हो जायेगी। एतिहासिक इमारतें सबसे अधिक राजधानी के चौक इलाके में हैं जबकि इनके रख रखाव के नाम पर शून्य है। चौक राजधानी के सबसे पिछड़े और गंदे इलाकों में शुमार है।

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात

जिन क्षेत्रों में साज सज्जा की गई उन का कब और कहां तक रख रखाव होगा ये भी बड़ा सवाल है। क्योंकि कार्यक्रम के बहाने ही सही यूपी के कुछ खास जगह चमक तो गए और कार्यक्रम के बाद भी ऐसा चमकेगा इसकी क्या गैरंटी है। पूरे प्रदेश पर ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा है। ताकि अगर कोई आये तो कहे मुहावरों में ही नहीं सच में लखनऊ नवाबों का शहर है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

 

 

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More