वाराणसीः सरकारीपुरा (मंडुआडीह) में सोमवार 14 अप्रैल को जलभरी के साथ रुद्रचंडी महायज्ञ का शुभारंभ अत्यंत धार्मिक और भव्य वातावरण में हुआ. यह 9 दिवसीय आयोजन 22 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें वैदिक विधि-विधान से मां काली और श्री शिव जी की प्रतिमाओं की प्राणप्रतिष्ठा भी की जाएगी. जलभरी यात्रा में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बना. यह पवित्र जलयात्रा श्रद्धा, भक्ति और समर्पण का अद्भुत संगम रही.
वैदिक मंत्रोच्चार के बीच किया गया पवित्र जल संग्रह
सरकारी पुरा गांव से शुरू होकर लहरतारा स्थित राम जानकी मंदिर तक पहुंची, जहां से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पवित्र जल संग्रह किया गया. इस जल का उपयोग यज्ञ में आहुति के लिए किया जाएगा. जलयात्रा में सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने पारंपरिक वस्त्रों और मंगलगीतों के साथ कलश उठाया. ढोल-नगाड़ों और शंखनाद की गूंज से पूरा क्षेत्र गूंज उठा.
21 आचार्यों ने किया पूजन
इस आयोजन की शुरुआत काशी के प्रकांड ज्योतिषाचार्य एवं कर्मकांड विद्वान आचार्य अनुपम शुक्ला (मुन्ना गुरुजी ) के आचार्यत्व में की गयी. 21 आचार्यों ने वैदिक परंपराओं के अनुसार कलश पूजन, गणपति पूजन और मंडप प्रवेश कराया .आचार्य शुक्ल ने बताया कि यह यज्ञ आत्मिक शांति, सामाजिक समरसता और प्रकृति संतुलन ,रोग नाश समेत भारतवासियों के कल्याण के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है.
झांकियों का आयोजन…
शाम में यज्ञ मंत्रोच्चार से आध्यात्मिक वातावरण आधारित प्रवचन का आयोजन किया जा रहा है. मधुर वाणी और भावपूर्ण कथा मंत्रोच्चार ने श्रोताओं को भक्ति के रस में डूबो दिया है. इससे भक्तों को धर्म, प्रेम और सेवा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी जा रही. विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं की ओर से मां दुर्गा की जीवन लीला पर आधारित झांकियों का आयोजन किया गया है.
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उत्सव जैसा माहौल
मंडुआडीह के इलाके में इस महायज्ञ को लेकर उत्सव जैसा माहौल है. हर वर्ग, हर उम्र के लोग सेवा में लगे हैं, चाहे वह यज्ञशाला की व्यवस्था हो या भोजन प्रसाद की तैयारी. महिलाएं मंगल गीतों से वातावरण को पवित्र कर रही हैं, तो युवा वर्ग आयोजन के संचालन में महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रहा है. यात्रा में प्रमुख रूप से आचार्य अनुपम शुक्ला,आचार्य इंद्रेश पांडेय,आचार्य रामदत पांडेय,बृजेश तिवारी,राजबाबू पांडेय,गिरजाशंकर भारद्वाज,किशन भारद्वाज ,संतलाल अशोक मौर्य ,दीपक तिवारी आदि आचार्य एवं जजमान शामिल रहे.