‘डबल टैक्स’ के विरोध में चेत्रई के मल्टीप्लेक्स हड़ताल पर

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मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमएआई) ने मंगलवार को मल्टीप्लेक्सों पर माल और सेवा कर (जीएसटी) के अतिरिक्त और कर लगाने के खिलाफ मंगलवार को हड़ताल की घोषणा की। यह कदम ग्रेटर चेन्नई निगम (जीसीसी) द्वारा गैर-तमिल फिल्मों पर 20 फीसदी और तमिल फिल्मों पर 10 फीसदी स्थानीय बॉडी एंटरटेनमेंट टैक्स (एलबीईटी) लगाए जाने के बाद उठाया गया। यह 27 सितंबर से प्रभावी है और यह कर टिकट पर 28 फीसदी जीएसटी के अलावा है।

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चेन्नई में काम कर रहे सभी मल्टीप्लेक्सों हड़ताल पर जा रहे हैं

एमएआई ने एक बयान में कहा, “चेन्नई में काम कर रहे सभी मल्टीप्लेक्सों ने घोषणा की है कि वे आज (मंगलवार) से हड़ताल पर जा रहे हैं।एमएआई के अध्यक्ष दिपक अशर ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और जीसीसी आयुक्त से एलबीईटी कर को वापस लेने के अनुरोध पर विचार करने की अपील की है।

सिनेमा उद्योग प्रभावित होगा और अंतत: यह खत्म हो जाएगा

अशर ने कहा, “इस प्रकार के कर की वापसी भविष्य में फिल्म उद्योग के अस्तित्व को सुनिश्चित करेगी और चेन्नई के लोगों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ मनोरंजन विकल्प के वातावरण को बढ़ावा देगी। वहीं दूसरी ओर जीएसटी के अतिरिक्त एलबीईटी कर जारी रखने से सिनेमा उद्योग प्रभावित होगा और अंतत: यह खत्म हो जाएगा।

प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने भी चेन्नई में मल्टीप्लेक्स सिनेमा के चेन के फैसले के समर्थन की पुष्टि की

यहां तक कि भारत के प्रोड्यूसर्स गिल्ड ने भी चेन्नई में मल्टीप्लेक्स सिनेमा के चेन के फैसले के समर्थन की पुष्टि की।प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सिद्धार्थ राय कपूर ने कहा, “तमिलनाडु सरकार द्वारा सिनेमा टिकटों पर जीएसटी के साथ एलबीईटी कर को थोपना अत्यधिक प्रतिगामी कदम है और प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया तमिलनाडु सरकार से इस प्रतिगामी कर को जल्द से जल्द वापस लेने का आग्रह करता है।”

गिल्ड के सदस्यों ने हाल में हुई बैठक में इस मुद्दे पर चिंता जाहिर की कि यदि यह कर वापस नहीं लिया जाता है, तो राज्य में स्थानीय दर्शकों की जेब पर भारी बोझ पड़ेगा, उन्हें टिकट के लिए 50 फीसदी तक का कर देना होगा।

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