15 अगस्त को नहीं इस तारीख को मनाया गया था पहला स्वतंत्रता दिवस …
यदि कोई आप से कहे कि 15 अगस्त को नहीं बल्कि देश किसी और तारीख को आजाद हुआ था, तो शायद आप इस बात पर यकीन भी न कर पाएं. लेकिन यह बात उतनी ही सच है जितना कि आज मनाया जा रहा 78 वां स्वतंत्रता दिवस. यह बात बिल्कुल सही है कि पहली बार स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को नहीं बल्कि 26 जनवरी को मनाया गया था. इसके साथ ही यह कोई एक बार या दो बार नहीं बल्कि यह सिलसिला पूरे 18 साल तक जारी रहा. ऐसे में सवाल है कि 15 अगस्त की शुरूआत कैसे हुई ? किस वजह से पहला स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी को मनाया गया था. इस सब सवालों के जवाब के लिए आइए चलते हैं खबर के विस्तार में….
स्वतंत्रता दिवस की कैसे हुई शुरूआत ?
यह बात 31 दिसंबर 1929 की है, जब पंडित जवाहरलाल नेहरू ने रावी नदी के किनारे आयोजित हुए लाहौर अधिवेशन में हिस्सा लिया था. यही वह पहला मौका था जब वहां पहली बार तिरंगा फहराया गया था. इस दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि अब अंग्रेजी हूकुमत के सामने झुकना ईश्वर और इंसानियत दोनों के ही खिलाफ है. इस दौरान देश का पहला स्वतंत्रता दिवस मनाया गया और नेहरू ने अंग्रेजों पर दबाव डालते हुए 26 जनवरी को आजादी का दिन निश्चित कर दिया था. साथ ही 26 जनवरी 1930 को सम्पूर्ण स्वराज की मांग उठी थी. इसी के साथ 26 जनवरी को प्रतीकात्मक तौर पर प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान किया गया था.
इसका पालन करते हुए कई सालों तक इसी तारीख को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाने लगा. वहीं इस घोषणा से अंग्रेजों पर न सिर्फ मानसिक दबाव बढ़ा बल्कि देश के नागरिकों में भी आजादी की चेतना का उदय हुआ और फिर 1947 में देश को आजादी मिलने तक यह सिलसिला जारी रहा. हालांकि, जब देश को आजादी मिली तो, वह तारीख 26 जनवरी नहीं बल्कि 15 अगस्त 1947 थी.
1947 के बाद भी क्यों 26 जनवरी को मनाया गया स्वतंत्रता दिवस ?
बताते हैं कि आजादी की तारीख सामने आने के बाद भी कई सारे स्वतंत्रता सेनानी 26 जनवरी की तारीख की गरिमा को बनाए रखने के लिए आजादी के कई सालों तक स्वतंत्रता दिवस 26 जनवरी को ही मनाते रहें. वहीं जब साल 1950 को संविधान तैयार किया और फिर इसे लागू करने की तारीख पर विचार किया गया तो, उसके लिए 26 जनवरी 1950 का दिन निश्चित किया गया. फिर जिस दिन देश का संविधान लागू किया गया उस दिन को गणतंत्र दिवस के तौर पर जाना गया.
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दरअसल जब 1929 में पंडित जवाहर लाल नेहरू की अध्यक्षता में कांग्रेस अधिवेशन आयोजित की गयी थी तो, उस सभा में संपूर्ण स्वराज की मांग उठी. कहा गया कि 26 जनवरी 1930 तक ब्रिटिश सरकार भारत को प्रमुख राज्य का दर्जा दे और इस बात का फैसला किया गया कि, आज से ही देश में 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस दिवस की शुरूआत से न सिर्फ क्रांतिकारियों बल्कि अंग्रेजी हुकूमत पर भी गहरा प्रभाव डाला था.