44 दिनों का है चुनावी कार्यक्रम, क्यों रखे गए इतने दिन….

आजादी के बाद दूसरी बार लंबा चुनाव

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव ( LOKSABHA CHUNAV ) 2024 के महापर्व का बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग ने कल प्रेसवार्ता कर चुनाव तारीखों का एलान भी कर दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 का मतदान 19 अप्रैल से शुरू होकर 11 जून तक चलेगा. बता दें कि देश में आज़ादी के बाद यह दूसरा मौका है जब सबसे ज्यादा समय तक वोटिंग होने वाली है. 1951-52 के बाद इस बार चुनावी कार्यक्रम 44 दिनों का है.

पहली बार 68 चरणों में हुए थे मतदान

बता दें कि देश में आजादी के बाद जब पहली बार साल 1951-52 में मतदान हुए थे तो चुनाव आयोग के द्वारा पूरे देश में 68 चरणों में मतदान कराए गए थे. ऐसा इसलिए था क्योंकि तब EVM मशीन नहीं थी और वोट डालने की इतनी सुविधा भी नहीं थी. तब मतदान मशीन से नहीं बल्कि बैलेट पेपर से हुए थे. पहली बार मतदान अक्टूबर 1951 से लेकर फरवरी 1952 तक हुए थे.

इस बार क्यों हो रहे लंबे चुनाव-

बता दें कि आजादी के सात दशक के बाद भारत के इतिहास में दूसरी बार लंबा चुनाव होने वाला है. क्योंकि इस बार लोकतान्त्रिक महापर्व में 97 करोड़ मतदाता भाग लेंगे. साथ ही इस बार चुनाव तारीखों का एलान भी 6 दिन देरी से हुआ है और इस दौरान कई त्योहार भी पड़ रहे हैं. इसके चलते छुट्टी भी होगी. यही कारण है कि इस बार मतदान ज्यादा लंबे समय तक खिंच रहा है.

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जून तक करवाने पड़ रहे चुनाव-

हर बार की तरह इस बार भी लोकसभा चुनाव 7 चरणों में संपन्न होंगे. इसकी शुरुआत 19 अप्रैल से होगी और 1 जून तक यह सिलसिला चलता रहेगा. मीडिया रिपोर्ट से पता चला है कि इस बार जून तक चुनाव करने के दो मुख्य कारण हैं. पहला यह कि 2019 के मुकाबले इस बार चुनाव तारीखों का एलान 6 दिन देरी से हुआ है. 2019 में चुनाव तारीखों का एलान 10 मार्च को हुआ था जबकि इस बार 16 मार्च को हुआ है. दूसरी बात यह है कि मार्च और अप्रैल में देश के कई हिस्सों में धार्मिक त्योहार भी पड़ रहे है जिसके चलते छुट्टियां पड़ने वाली है.

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