ट्रेन पलटने की साजिश का खुलासा करने में जुटी जांच टीमें

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एनईआर के डालीगंज व बादशाहनगर स्टेशन के बीच रविवार तड़के ट्रेन पलटने की साजिश का खुलासा जल्द होगा। सोमवार को एटीएस व सिविल पुलिस के साथ जीआरपी, आरपीएफ व रेलवे की टीमों ने मौके पर घटना की तह तक जाने की कोशिश की। जीआरपी के आईजी विनोद कुमार सिंह ने डीआरएम व एटीएस सहित कई विभागों के अफसरों के साथ समन्वय बैठक कर एक दूसरे का सहयोग करने की अपील की।

रेलवे ऐक्ट 150 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी

महानगर में रविवार तड़के शरारती तत्वों ने कैफियत एक्सप्रेस व कृषक एक्सप्रेस को पलटने के लिए बड़ी साजिश रची थी। बादशाहनगर व डालीगंज स्टेशन के बीच तड़के चार बजे जब दो पेट्रोलमैन वहां से गुजरे तो देखा 77 पटरियों की सभी 308 पेंड्रोल क्लिप्स गायब थीं। रेलवे सुरक्षा बल की ओर से महानगर कोतवाली में रेलवे ऐक्ट 150 के तहत रिपोर्ट दर्ज करवाई गई थी।

झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों से देर शाम तक कई चरणों में पूछताछ

रेलवे के जीएम राजीव अग्रवाल ने इसे आतंकी साजिश बताते हुए एटीएस व दूसरी बड़ी एजेंसियों से जांच कराने पर जोर दिया था। इसको लेकर सोमवार को एटीएस, जीआरपी, आरपीएफ व लोकल पुलिस के अधिकारियों ने घटनास्थल का कई बार दौरा किया। सीओ अमिता सिंह ने चौकी इंचार्ज अजीत कुमार शुक्ल व अन्य जीआरपी कर्मियों के साथ आसपास की झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों से देर शाम तक कई चरणों में पूछताछ की।

आईजी बोले, साझा करें साक्ष्य

जीआरपी के आईजी विनोद कुमार सिंह ने डीआरएम विजयलक्ष्मी कौशिक के साथ ही अडिशनल एसपी ट्रांसगोमती, सीओ जीआरपी, एटीएस व एनईआर के सीनियर डीईएन सहित कई अफसरों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा जरूरी है कि सभी लोग मिलकर जांच करें। जांच में आने वाले तथ्य साझा करें। डीआरएम ने कहा कि यह पहला मौका है जब 77 स्लीपर्स की सभी पेंड्रोल क्लिप्स निकाली गईं हैं। इसमें बड़ी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता है। डीआरएम विजयलक्ष्मी कौशिक ने आईजी को बताया कि पेट्रोलमैनों द्वारा बादशाहनगर से डालीगंज के बीच ट्रैक निगरानी के दौरान दो बार सब कुछ सामान्य मिला। जब वह तीसरी बार वहां से गुजरे तो क्लिप्स गायब थीं। उन्होंने अपने कर्मचारियों की मुस्तैदी पर उनकी पीठ भी थपथापई।

सीसीटीवी फुटेज से नहीं मिली जानकारी

जीआरपी व एसटीएस ने सोमवार को जब वहां लगे एक सीसीटीवी की फुटेज खंगालीं तो उससे कोई अहम जानकारी नहीं मिली। सीसीटीवी में अंधेरे में पेट्रोलमैन के गुजरने, उनकी टार्च की रोशनी से पटरियों की निगरानी का ही पता चला है। डिप्टी एसपी दिनेश पुरी के नेतृत्व में एटीएस की टीम ने सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। सूत्रों के मुताबिक अभी तक कोई ऐसा क्लू नहीं मिला है, जिसे विवेचना की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा सके।

डीजीपी सुलखान सिंह, डीजीपी, उत्तर प्रदेश ने कहा कि रेलवे ट्रैक क्लिप खोलने के मामले की जांच की जा रही है। जांच में एटीएस को भी लगाया गया है। जहां तक आतंकी साजिश आशंका है तो इस मामले में अभी कुछ कहना प्रीमैचुअर होगा।

(साभार – एनबीटी)

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