‘बाबा साहेब’ की मूर्ति का हुआ भगवाकरण, विरोध के बाद हुई नीली
महापुरुषों की प्रतिमाओं के साथ छेड़छाड़ करने का मामला है कि थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला यूपी के बदांयू का सामने आया है। यहां बाबा भीम राव आंबेडकर प्रतिमा को भगवा कर दिया है। प्रतिमा को भगवा किये जाने से दलितों में नाराजगी है। हांलकि दालितों के विरोध के बाद बाबा साहेब की प्रतिमा को वापस से नीला कर दिया है।
मौजूदगी में मूर्ति का रंग बदल दिया गया है
दलितों के विरोध के बाद बाबा साहेब की प्रतिमा को वापस नीला कर दिया है। मीडिया कवरेज के बाद हरकत में आया प्रशासन मूर्ति का रंग भगवा से वापस नीला कर दिया गया है। बसपा जिला अध्यक्ष और ग्राम प्रधान की मौजूदगी में मूर्ति का रंग बदल दिया गया है। आपको बता दे कि सीएम योगी के सख्त आदेश के बावजूद बीती 7 अप्रैल को बदायूं के कुंवरगांव थाना क्षेत्र के दुगरैया गांव में कुछ अराजक तत्वों ने बाबा साहेब की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
भगवा किये जाने से दलितों में नाराजगी है
इसके बाद क्षेत्र में पनपे रोष के बाद प्रशासन ने आनन फांनन में आगरा से प्रतिमा मंगवा कर रखवा दी। मगर फर्क इतना रहा कि अब जो प्रतिमा खड़ी की गयी है वह भगवा रंग में रंगी हुई है। बाबा साहेब की प्रतिमा क्षेत्र में चर्चा का का विषय बना हुआ है।यूपी के बंदायूं जिले में बाबा भीम राव अंबेडकर की प्रतिमा को भगवा किये जाने से दलितों में नाराजगी है। दरअसल, बदायूं के कुवरगांव पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले दुगरैया गांव में शनिवार सुबह आंबेडकर की मूर्ति को नुकसान को पहुंचाया गया था।
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अब इसी मूर्ति की मरम्मत के बाद इसका रंग बदलने से कई दलित संगठनों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के बदायूं जिले के अध्यक्ष भारत सिंह जाटव ने कहा, ‘आंबेडकर की प्रतिमा में उनके कोट का रंग बदलने से समुदाय के लोग गुस्से में है।’की शेरवानी पहनाई गई है।वह आगे कहते हैं, ‘हमने उनकी तस्वीरें और मूर्ति अक्सर गहरे रंगों, वेस्टर्न आउटफिट- ब्लेजर और ट्राउजर्स में देखी है। इसलिए भगवा रंग अजीब है। इसे दोबारा पेंट किया जाना चाहिए।
मूर्ति का रंग बदलकर केसरिया कर दिया गया
‘हालांकि बाबा साहब आंबेडकर की मूर्ति को माला पहनाते वक्त पूर्व जिलाध्यक्ष क्रांति कुमार और डीएसपी वीरेन्द्र यादव के साथ बीएसपी के जिलाध्यक्ष हेमेंद्र गौतम भी मौजूद थे। अखिल भारतीय खटिक समाज के स्टेट जनरल सेक्रटरी वीरू सोनकर ने कहा, ‘राज्य सरकार के आंबेडकर के नाम के साथ ‘रामजी’ जोड़ने के आदेश के तुरंत बाद उनकी मूर्ति का रंग बदलकर केसरिया कर दिया गया। हमारे संस्थान की स्थानीय इकाई मूर्ति का रंग बदलने की निंदा करते हुए बदायूं के डीएम को ज्ञापन सौपेंगी और इसका रंग बदलकर नीला किए जाने की मांग करेगी।’
बदायूं के दातागंज से दो बार विधायक रह चुके पूर्व बीएसपी विधायक सिनोद शाक्य का कहना है, ‘राज्य की कई इमारतों को भगवा रंग करने के बाद अब बीजेपी सरकार आंबेडकर की मूर्तियों का भगवाकरण करना चाहती है, यह स्वीकार नहीं है। अगर मूर्ति का रंग नीला नहीं किया गया तो हम जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे।’ उन्होंने मूर्ति को तोड़ने में शामिल लोगों की गिरफ्तारी की मांग भी की है। शनिवार की घटना के बाद एक स्थानीय निवासी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है जो अभी फरार है। इससे पहले यहां 2014 में भी आंबेडकर की मूर्ति तोड़ी गई थी।
बीआर आंबेडकर के नाम पर रामजी जोड़ने के फरमान भी सुना दिया
इन दिनों उत्तर प्रदेश में आंबेडकर को लेकर राजनीति गर्मायी हुई है। कई जगह बीआर आंबेडकर की मूर्तियां तोड़ने के मामले सामने आए। फिर राज्य सरकार द्वारा बीआर आंबेडकर के नाम पर रामजी जोड़ने के फरमान भी सुना दिया। इसके बाद मूर्ति के रंग में बदलाव राजनीति को नई दिशा में ले जा रहा है।सुरक्षा समिति सचिव का कहना है कि राजनीति षडयंत्र के तहत समिति के सदस्य को फंसाया गया है।
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