शहीद बलजीत सिंह के नम आंखो से दी गई अंतिम विदाई, मासूम बेटे ने दी मुखाग्नि
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच हुई मुठभेड़ में शहीद हुए जवान बलजीत सिंह (35) के पार्थिव शरीर का बुधवार को पैतृक गांव डिंगर माजरा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। गांव में लोगों ने भारत माता के जयकारों के साथ शहीद के अंतिम दर्शन किए।
शहीद के 3 वर्षीय पुत्र अर्णव ने मुखाग्रि दी। मेजर जनरल के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी और जिला पुलिस के जवानों ने सलामी दी। शहीद के पार्थिव शरीर पर घरौंडा के विधायक और हैफेड के चेयरमैन हरविंद्र कल्याण, करनाल के उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक एसएस भौरिया, घरौंडा के एसडीएम मो. इमरान रजा ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
सीएम खट्टर बोले, शहादत को मेरा नमन
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ट्वीट किया, ‘मां भारती की सेवा में, कर्त्तव्यपथ पर अपना जीवन न्योछावर करने वाले करनाल के गांव डिंगर माजरा के हवलदार बलजीत सिंह जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। आपके बलिदान को हम कभी नहीं भुला पाएंगे, इस शहादत को मेरा नमन।’
हजारों नम आंखों ने शहीद को अंतिम विदाई दी। जिस समय सेना और पुलिस के जवानों ने हवाई फायरिंग कर पार्थिव शरीर को सलामी दी, उस समय भारत माता की जय, शहीद बलजीत सिंह अमर रहे के नारे गूंज रहे थे। शहीद बलजीत सिंह 50 राष्ट्रीय राइफल में हवलदार के पद पर तैनात थे।
सेना के मेजर जनरल ने बताया कि सोमवार रात 2.30 बजे आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलते ही रत्नीपुरा इलाके में सर्च अभियान चलाया गया। आतंकी एक घर और स्कूल में जा छिपे। आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में शहीद बलजीत सिंह ने एक आतंकी को ढेर कर दिया।
डॉक्टर नहीं बचा पाए जान
तभी सामने से आतंकियों की गोली ने बलजीत सिंह सहित दो जवानों को घायल कर दिया, जिसे उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया और वहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया।
शहीद बलजीत सिंह 2 मैक इन्फैंट्री में वर्ष 2002 में भर्ती हुआ था। उनकी ट्रेनिंग महाराष्ट्र के अहमदाबाद में हुई थी। विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि हरियाणा शहीदों को जो आर्थिक सहयोग दिया जाता है वह बलजीत के परिवार को भी मिलेगा।
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