यूपी में माफियाओं के बुरे दिन शुरू, जेल हो या बाहर माफियाओं में दिख रहा खौफ़
‘जान से मार डालूंगा…’ उत्तर प्रदेश में इस तरह की भाषा एक आम सी बात है। सालों से यूपी की धरती पर माफियाओं और उनके परिवार की गुंडागर्दी का दंश झेलता आया है। यहां एक दौर तक माफिया राज रहा है। एक समय वो भी था कि यूपी में कदम रखने से ही लोग डरते थे। यूपी की माफियागीरी का भी परचम इनता था कि आज भी कई बॉलीवुड फिल्मों में यूपी के माफियाओं की छाप दिखती है। यहां तक प्रदेश के कई जिलों में इन माफियाओं का खौफ आज भी चलता है। लेकिन गोरखपुर के महंत योगी आदित्यनाथ के सीएम की कुर्सी पर बैठते ही माफियाओं के भी बुरे दिन शुरू हो गए।
जैसे ही योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने, माफियाओं में खलबली मच गई। प्रदेश में योगी सरकार के आते ही माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू हुई। प्रदेश में माफियाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए योगी सरकार ने माफियाओं को जेल का रास्ता दिखा दिया। इनमें से कई माफियाओं ने तो खुद ही आकर सरेंडर कर दिया था। अब प्रदेश में माफिया नहीं सीएम योगी का डंका बजने लगा।बावजूद इसके कुछ बड़े माफिया भी हैं, जिनको सीएम योगी का भी खौफ नही है। जेल में रहते हुए भी इन माफियाओं ने अपनी गुंडागर्दी की दुकान चालू रखी। लेकिन अह इन माफियाओं को जड़ से खत्म करने का सीएम योगी ने मानो बीड़ा उठा लिया है। एक-एक कर सभी माफियाओं को सीएम योगी धूल में मिला रहे हैं। आज हम यूपी में माफियाओं को काबू करने की सीएम योगी की इन्हीं नीतियों पर बात करेंगे।
माफिया मुख्तार अंसारी के मुख पर दिखी टेंशन
जिस माफिया मुख्तार अंसारी से पूरा यूपी कांपता था, आज उसके चेहरे पर बेचैनी व टेंशन साफ दिखाई दी। आज यूपी के बाहुबली व माफिया मुख्तार अंसारी के 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है। वाराणसी की MP MLA कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। जैसे ही कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार दिया, उसने अपना माथा पकड़ लिया। परेशानी उसके चेहरे पर साफ दिखाई दी। जैसे ही कोर्ट ने मुख्तार को दोषी करार दिया, उसकी बेचैनी बढ़ गई। उसके चेहरे पर तनाव देखने को मिला। टेंशन के चलते उसने अपना माथा पकड़ लिया।
यूपी में ध्वस्त हो रहा माफियाओं का नेटवर्क
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जीरो टालरेंस नीति को संकल्प बनाकर संगठित अपराधियों व माफियाओं के नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटे हैं। सीएम योगी ने अपराधियों को लेकर अक्सर बयान देते हुए देखे गये हैं। हाल ही में सीएम योगी कहते दिखाई दिए हैं, ‘प्रदेश में माफियाओं पर लगाम लगाने की कोशिश लगातार चल रही है। इस क्रम में यूपी सरकार की ओर से पिछले दिनों 66 मोस्ट वांटेड अपराधियों की लिस्ट जारी की गई है। प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद यूपी पुलिस ने लगातार कार्रवाई की है। हत्याकांड में शामिल माफिया डॉन अतीक अहमद का बेटा असद अहमद समेत चार अपराधियों को एनकाउंटर में ढेर किया जा चुका है। वहीं, प्रयागराज में सुनवाई के लिए लाया गया। माफिया डॉन अतीक अहमद, भाई अशरफ के साथ एक घटना का शिकार बन गया है।’
माफियाओं के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार माफियाओं पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर कार्य कर रही है। यहां जीरो टॉलरेंस की नीति अपराध करने वाले या नियम तोड़ने वाले प्रत्येक व्यक्ति को यथासंभव कठोरतम दंड देने की नीति है। योगी सरकार की पुलिस अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। इसी के तहत कई माफिआयों का यूपी पुलिस एनकाउंटर भी कर चुकी है। आज यूपी पुलिस के रिकॉर्ड में एक, दो नहीं बल्कि एनकाउंटरों की लिस्ट लंबी होती जा रही है।
योगी की एनकाउंटर नीति
यूपी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि 2017 से अब तक कुल 10,720 एनकाउंटर हो चुके हैं। इनमें अतीक अहमद के बेटे असद अहमद, उसके गुर्गे गुलाम, अरबाज और उस्मान चौधरी भी शामिल हैं। इसके अलावा कानपुर में पुलिस टीम पर गोलियां बरसाने वाले कुख्यात अपराधी विकास दुबे के गुर्गों के नाम भी शामिल हैं। अगर पिछले छह साल की बात करें तो बीते वर्ष पुलिस व बदमाशों के बीच मुठभेड़ का आंकड़ा सबसे कम रहा है। वर्ष 2018 में सर्वाधिक 41 अपराधी मारे गए थे। इससे पहले साल 2017 में 28, साल 2019 में 34, साल 2020 में 26, साल 2021 में 26 व पिछले वर्ष 2022 में 14 अपराधी मारे गए हैं। साल 2023 में अब तक 11 बदमाश मारे गए हैं। बीते छह वर्ष में पुलिस मुठभेड़ में 23 हजार से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। एनकाउंटर के दौरान 12 पुलिसकर्मी शहीद और 1400 घायल हुए हैं।
माफियाओं पर गाज बनकर गिरा बुलडोजर
याद होगा कि योगी ने शपथ ग्रहण करते ही यूपी में कानून व्यवस्था सुधारने की बात कही थी। 2017 से 2022 तक योगी ने माफियाओं, बदमाशों, हिस्ट्रीशीटरों के घरों पर बुलडोजर चले। 2022 यूपी चुनाव की घोषणा से काफी पहले सीएम योगी आदित्यनाथ प्रचार में लग गए थे। आठ जनवरी को चुनाव एलान से पहले वो 68 रैलियां कर चुके थे। एक भी जगह उन्होंने बुलडोजर का प्रचार नहीं किया था। लेकिन अखिलेश के बाबा बुलडोजर कहते ही योगी आदित्यनाथ और भाजपा ने बुलडोजर का प्रचार तेज कर दिया।
अगले दिन योगी ने कहा, ‘बुलडोजर हाईवे भी बनाता है, बाढ़ रोकने का काम भी करता है। साथ ही माफिया से अवैध कब्जे को भी मुक्त करता है।’ 25 फरवरी को जब योगी रैली के लिए निकले तो उन्होंने हेलीकाप्टर की एक फोटो शेयर की। उन्हें अपनी रैली में कई बुलडोजर खड़े नजर आए। धीरे-धीरे बाबा का बुलडोजर एक ब्रांड बनने लगा। चुनाव में भी ‘यूपी की मजबूरी है बुलडोजर बाबा जरूरी है’ के नारे लगाए गए। पोस्टर, बैनर, सभाएं हर जगह योगी के साथ बुलडोजर नजर आने लगा। योगी के बुलडोजर का प्रचार सिर्फ यूपी तक नहीं, बल्कि देश के बाकी राज्यों तक होने लगा।
योगी के बुलडोजर कार्रवाई से डरकर माफिया अजीत शाही, सुधीर सिंह ने सरेंडर किया था और अब गोरखपुर जिले के फरार माफिया राकेश यादव ने शनिवार को सिविल कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। दरअसल, उसके घर पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई के डर और पुलिस के दबाव से उसने सरेंडर किया है।
यूपी की जेल में बंद हैं 39 माफिया
माफिया अतीक अहमद के अपने भाई अशरफ के साथ मारे जाने के बाद यूपी में कुल 64 माफिया बच गए हैं। इनमें मुख्तार अंसारी समेत 39 माफिया जेल में हैं जबकि 20 जमानत पर बाहर हैं। इनमें कुछ गैंग्सटर कुख्यात हैं।
मुख्तार अंसारी
माफिया डॉन मुख्तार अंसारी जब पंजाब की जेल में बंद था, तब खाना-पीना हो या ठाट-बाट जेल के अंदर मुख्तार की हर ख्वाहिश पूरी हो जाती थी। लेकिन अब यूपी की जेल में बंद मुख्तार अंसारी को अदालत से खाने के लिए भी गुहार करनी पड़ रही है। आज कोर्ट का फैसला आने के बाद मुख्तार अंसारी को 32 साल पुराने अवधेश राय हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा हुई है।
मुन्ना बजरंगी
यूपी का कुख्यात माफिया डॉन प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी ने साल 1984 में पहली बार एक कारोबारी को मारा था। इसके बाद हत्याओं का सिलसिला जारी रहा और जल्द ही मुन्ना बजरंगी पूर्वांचल के बड़े अपराधियों में शुमार हो गया। 90 के दशक में वो बाहुबली मुख्तार अंसारी के गैंग में शामिल हो गया था। मुन्ना बजरंगी यूपी की झांसी जेल में बंद था, जहां से 8 जुलाई 2018 की रात जेल प्रशासन ने उसे बागपत जिला जेल भेजा था। कहा गया था कि पूर्व BSP विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में बजरंगी की पेशी होनी थी। 9 जुलाई 2018 को बागपत जिला जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
अतीक अहमद
उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया और नेता था। वह समाजवादी पार्टी से सांसद और उत्तर प्रदेश विधानसभा का सदस्य रह चुका था। 15 अप्रैल 2023 को जाँच के लिए अस्पताल ले जाते समय उसकी व उसके भाई अशरफ की गोली मार कर हत्या कर दी गई। अतीक पर संगीन धाराओं में 100 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज थे। वह जेल के अंदर से ही अपनी अपराधिक गतिविधियों को संभाला करता था। उस पर उमेश पाल हत्याकांड से संबंध होने के भी आरोप लगे। अपने आखिरी दिनों में उसने आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैय्यबा, आई.एस.आई. और अंडरवर्ल्ड से अपने जुड़े होने की बात पुलिस के सामने कबूली थी।
राकेश यादव
गोरखपुर में 90 के दशक में आतंक का पर्याय रहा माफिया राकेश यादव फरार चल रहा था। अंडरग्राउंड होकर जमीन का धंधा करने वाला माफिया राकेश यादव बदमाशों की सूची में गोरखपुर जिले के टॉप-10 और प्रदेश के टॉप-61 में शामिल है। राकेश यादव की जड़े जमीन के धंधे में इतनी गहरी हैं कि विवादित भूमि पर कब्जा करने से लेकर उसे बेचने तक में कोई हस्तक्षेप नहीं करता है। इस माफिया पर 52 मुकदमे दर्ज हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में वो 25 मार्च 1996 को तब आया जब मानीराम के तत्कालीन विधायक ओमप्रकाश पासवान की माल्हनपार रोड पर चुनावी जनसभा में बम मारकर हत्या कर दी गई और राकेश यादव को मुख्य आरोपी बनाया गया।
पिता की राह में चल रहें माफियाओं के बेटे जेल में बंद
पिता की ही राह पर चल रहे अतीक और मुख्तार अंसारी के बेटे भी जेल में सजा काट रहे हैं।अब्बास अंसारी ने कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने अब्बास की जमानत याचिका खारिज कर दी। वजह वही थी, अब्बास की गुंडागर्दी। अब्बास ने 2022 में विधानसभा चुनाव के दौरान सरेआम एक भाषण में यूपी पुलिस को धमकी दी थी। अब्बास ने कहा था कि एक बार उनकी सरकार बन जाए तो यहां के पुलिस अधिकारियों का हिसाब-किताब किया जाएगा। अब्बास ने अपने भाषण में कहा कि 6 महीने तक किसी पुलिसवाले का तबादला नहीं होगा बल्कि उनका हिसाब-किताब होगा। इस हेट स्पीच के मामले में अब्बास जेल में सजा काट रहा है और अब तो कोर्ट ने जमानत से भी इनकार कर दिया है।
वहीं, अतीक अहमद के बेटों का भी यही हाल है। भाई-पिता और चाचा की मौत के बाद भी अतीक के बेटे को कोई डर नहीं है, अपनी गुंडागर्दी के चलते ही जेल में बंद है। एक बेटे असद का एनकाउंटर हो चुका है। माफियाओं के इन बेटों का ये हाल तब है जब राज्य में इन्हें कोई राजनैतिक संरक्षण नहीं मिल रहा। इनके और इनके परिवार के बुरे कामों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो रही है। जरा सोचिए उस वक्त कैसा हाल रहा होगा जब उत्तर प्रदेश में इनके पिता गुंडाराज राज चलाते थे।
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