रामचरितमानस पर हाहाकार, सपा ने स्वामी को किया दरकिनार, बीजेपी ने किया पलटवार, जीभ काटने वाले को इनाम 51 हजार

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है, जिसको लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा दिए बयान पर यूपी की राजनीति में बवाल मच गया है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने स्वामी के बयान पर नाराजगी जताई है और सपा ने उनसे किनारा कर लिया है. वहीं, बढ़ते विवाद के बीच बीजेपी ने भी स्वामी पर हमला बोला है.

अमर्यादित टिप्पणी के बाद से स्वामी प्रसाद मौर्य हिंदू संगठनों के निशाने पर आ गए हैं. स्वामी के खिलाफ हिंदू महासभा ने लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज कर उनको गिरफ्तार करने की मांग की है. हिंदू महासभा के एक नेता ने ऐलान किया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य की जीभ काटने वाले को 51 हजार रुपये का इनाम मिलेगा.

https://twitter.com/SuyashJaiHind/status/1617781359048806400?s=20&t=yqt8xOyHlVmBMSesbChD-Q

इसके अलावा, लखनऊ में पंचवटी घाट निकट लक्ष्मण टीला चौक स्थित लेटे हुए हनुमान जी मंदिर में उनके प्रवेश वर्जित का बैनर लगाया गया है. इस बैनर में लिखा है ‘हिंदुओं की आस्था और शिखर पर स्थापित तुलसीदास कृत श्री रामचरित मानस का अपमान करने वाले अधर्मी स्वामी प्रसाद मौर्य का इस मंदिर में प्रवेश वर्जित है.’

Swami Prasad Maurya Ramcharitmanas

 

जानिए स्वामी प्रसाद मौर्य ने क्या कहा…

रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा ‘ऐसे धर्म का सत्यानाश हो, जो हमारा सत्यानाश चाहता हो. 85-86 फीसदी हिंदुओं को गाली देकर मुट्ठी भर 5 फीसदी हिंदुओं की भावनाओं को चिंता करते हैं. रामचरितमानस को कोई करोड़ों लोग नहीं पढ़ते. सब बकवास है. तुलसीदास ने इसे अपनी खुशी के लिए लिखा था. रामायण की चौपाई के एक अंश में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है. तुलसी बाबा इन्हें सीधे-सीधे अधर्म जाति का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. इस पूरी पुस्तक को बैन कर देना चाहिए, जिससे कि दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों की भावनाएं आहत हो रही हो. सरकार को इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए. रामचरितमानस की कुछ चौपाइयां हटवाई जाएं.’

बीजेपी का पलटवार…

यूपी बीजेपी के अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह ने कहा ‘समाजवादी पार्टी हमेशा से ही देश विरोधी और समाजविरोधी लोगों के साथ खड़ी रही है. स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग मानसिक रूप से विक्षिप्त हैं. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को बताना चाहिए कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान उनकी पार्टी का स्टैंड है या फिर स्वामी प्रसाद का यह निजी विचार है. सपा वही है जिसने अयोध्या में कार सेवकों पर गोली चलवाई थीं. इनके शासन में मठ मंदिरों पर आतंकी हमले हुए. इन्होंने आतंकियों के मुकदमे वापस लेने की कोशिश की थी. न्यायपालिका की वजह से इनके मंसूबे पूरे नहीं हो सके.’

Swami Prasad Maurya Ramcharitmanas

 

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर बीजेपी नेता अपर्णा यादव ने कहा ‘राम भारत का चरित्र है. राम आज भी उतने की महत्वपूर्ण हैं. रामचरितमानस का लगभग हर भाषा में अनुवाद हो चुका है. हजारों वर्षों के बाद भी आज भी कहीं इसका पाठ होता है तो नया जैसा लगता है. हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी राम को सम्मान देते हैं. इतने महत्वपूर्ण ग्रंथ पर टिप्पणी करना गलत है. ये बयान स्वामी प्रसाद की मानसिकता को दर्शाता है.’

बीजेपी नेता विनीत अग्रवाल शारदा ने कहा ‘किसी धर्म के प्रति ऐसे बोलने का अधिकार किसी को नहीं है. ऐसे लोगों का दिमागी संतुलन खराब हो गया है. ऐसे व्यक्तियों को कठोर से कठोर सजा देनी चाहिए.’

जानें सपा की प्रतिक्रिया…

सूत्रों के अनुसार, अखिलेश यादव ने स्वामी प्रसाद मौर्य के इस बयान पर नाराजगी जताई है. सपा ने भी उनके बयान को लेकर किनारा कर लिया है. सपा नेता रविदास मेहरोत्रा ने कहा ‘ये स्वामी प्रसाद मौर्य का निजी बयान है. इससे पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है. नेताओं को जनता की समस्याओं आदि पर बोलना चाहिए. किसी धार्मिक पुस्तक पर बोलने से बचना चाहिए. स्वामी प्रसाद ने अज्ञानतावश बयान दिया है. उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.’

इसके अलावा, समाजवादी पार्टी के अन्य कई नेताओं ने सोशल मीडिया पर इस बयान को लेकर आपत्ति जताई है.

बता दें इससे पहले भी स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों से बवाल मच चुके हैं. वर्ष 2014 में बसपा में रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने शादियों में गौरी गणेश की पूजा करने पर सवाल उठाया था. कर्पूरी ठाकुर भागीदारी सम्मेलन में उन्होंने कहा था कि शादियों में गौरी गणेश की पूजा नहीं करनी चाहिए. यह दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उनको गुलाम बनाने की साजिश है.

वर्ष 2017 में बीजेपी में मंत्री रहते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने तीन तलाक को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने कहा था कि तीन तलाक देने वाले मुस्लिम सिर्फ अपनी हवस मिटाने के लिए बीवियां बदलते हैं. तीन तलाक के पीछे ओछी मानसिकता है.

हाल में ही मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि बीजेपी के लोग राम का भी सौदा कर लेते हैं. ये जनता को और राम को भी बेच देते हैं. उस वक्त भी सपा ने किनारा कर लिया था.

 

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