प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह 11 बजे नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (एसबीएम-यू) 2.0, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन AMRUT 2.0 का शुभारंभ करेंगे। प्रधानमंत्री की दृष्टि के अनुरूप, SBM-U 2.0 और AMRUT 2.0 को सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ और ‘जल सुरक्षित’ बनाने की आकांक्षा को साकार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये प्रमुख मिशन भारत में तेजी से शहरीकरण की चुनौतियों का प्रभावी ढंग से समाधान करने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ने का संकेत हैं और सतत विकास लक्ष्यों 2030 की उपलब्धि में योगदान करने में भी मदद करेंगे। केंद्रीय मंत्री और आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री और राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के शहरी विकास मंत्री भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।
क्या है स्वच्छ भारत मिशन-शहरी 2.0-
SBM-U 2.0 सभी शहरों को ‘कचरा मुक्त’ बनाने और अमृत के अंतर्गत आने वाले शहरों के अलावा अन्य सभी शहरों में भूरे और काले पानी के प्रबंधन को सुनिश्चित करने। साथ ही सभी शहरी स्थानीय निकायों को ODF+ और 1 लाख से कम आबादी वाले ODF++ के रूप में बनाने की परिकल्पना है। जिससे शहरी क्षेत्रों में सुरक्षित स्वच्छता के दृष्टिकोण को प्राप्त किया जा सके।। SBM-U 2.0 का परिव्यय लगभग 1.41 लाख करोड़ रुपये है।
अमृत 2.0 क्या है-
AMRUT 2.0 का लक्ष्य लगभग 2.64 करोड़ सीवर/सेप्टेज कनेक्शन प्रदान करके , लगभग 2.68 करोड़ नल कनेक्शन और 500 AMRUT शहरों में सीवरेज और सेप्टेज का 100% कवरेज प्रदान करके लगभग 4,700 शहरी स्थानीय निकायों में सभी घरों में पानी की आपूर्ति का 100% कवरेज प्रदान करना है। जिससे शहरी क्षेत्रों में 10.5 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ होगा।
AMRUT 2.0 सर्कुलर इकोनॉमी के सिद्धांतों को अपनाएगा और सतह एवं भूजल निकायों के संरक्षण और कायाकल्प को बढ़ावा देगा।मिशन नवीनतम वैश्विक प्रौद्योगिकियों और कौशल का लाभ उठाने के लिए जल प्रबंधन और प्रौद्योगिकी उप-मिशन में डेटा-आधारित शासन को बढ़ावा देगा।शहरों के बीच प्रगतिशील प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए ‘पे जल सर्वेक्षण’ आयोजित किया जाएगा। अमृत 2.0 का परिव्यय लगभग ₹ 2.87 लाख करोड़ है।
एसबीएम-यू और अमृत का प्रभाव-
SBM-U और AMRUT ने पिछले सात वर्षों के दौरान शहरी परिदृश्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। दो प्रमुख मिशनों ने नागरिकों को जल आपूर्ति और स्वच्छता की बुनियादी सेवाएं प्रदान करने की क्षमता में वृद्धि की है। स्वच्छता आज जन आंदोलन बन गया है।वही सभी शहरी स्थानीय निकायों को खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) घोषित कर दिया गया है. 70% ठोस कचरे को अब वैज्ञानिक रूप से संसाधित किया जा रहा है।अमृत 1.1 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 85 लाख सीवर कनेक्शन जोड़कर जल सुरक्षा सुनिश्चित किया जायेगा । जिससे 4 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित होंगे ।
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