सुप्रिया सुले ने भाई अजित पवार को गले लगाया पैर छुए

0

महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल तेज है। नयी सरकार के गठन की कवायद पूरी होने के बाद अब शपथ ग्रहण की तैयारियां की जा रही हैं।
इससे पूर्व महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार को सुबह आरंभ होने पर सभी की नजरें राकांपा नेता अजित पवार पवार पर टिकी हुई थीं जिन्होंने पार्टी से विद्रोह कर सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देकर हैरान कर दिया था लेकिन मंगलवार को उन्होंने इस्तीफा भी दे दिया।

चचेरी बहन सुप्रिया सुले ने उन्हें गले लगाया

अजित पवार ने जैसे ही बुधवार को सुबह विधान भवन के परिसर में प्रवेश किया तो उनकी चचेरी बहन और लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने उन्हें गले लगाया।

राकांपा प्रमुख शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले अपनी पार्टी के विधायकों का स्वागत करने के लिए विधान भवन के प्रवेश द्वार पर खड़ी थीं।

विधान भवन परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए अजित पवार ने कहा, “मैं राकांपा में था और अब भी हूं। मैनें पार्टी कभी नहीं छोड़ी।”

बहन सुले ने व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा था पवार परिवार और पार्टी बंट गयी है

देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को समर्थन देने के लिए अजित पवार के शनिवार को अपनी पार्टी से बगावत करने के बाद भावुक दिखी उनकी चचेरी बहन सुले ने अपने व्हाट्सएप स्टेटस में लिखा था कि पवार परिवार और पार्टी बंट गयी है।

उन्होंने अपने स्टेटस में लिखा था, “आप जीवन में किस पर भरोसा करोगे। इतना ठगा हुआ कभी महसूस नहीं हुआ। उनका बचाव किया, उन्हें प्यार दिया। देखो बदले में क्या मिला मुझे।”

महाराष्ट्र में नाटकीय घटनाक्रम के तहत शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में भाजपा के देवेंद्र फड़णवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा के अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी।

बारामती सीट से 1.65 लाख मतों के अंतर से जीते थे अजीत

पुणे की बारामती सीट से 1.65 लाख मतों के अंतर से विधानसभा चुनाव जीतने वाले राकांपा विधायक ने मंगलवार को उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद फडणवीस ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार गिर गई।

नव निर्वाचित विधायकों का शपथ ग्रहण जारी

महाराष्ट्र में नव निर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाने के लिए 14वीं विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार सुबह आरंभ हो गया।

नव निर्वाचित सदस्य राज्य में चल रहे नाटकीय घटनाक्रमों के कारण विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक महीने बाद भी शपथ नहीं ले पाए थे।

शायद ही खुले राज!

मंगलवार को मुंबई में मिला ताज पवार की दिल्ली का ताज भी किसी दिन अपने नाम करने की पुरानी महत्वाकांक्षा को हवा दे सकता है।
हालांकि यह रहस्य शायद ही खुले कि अजित पवार का दूसरे पाले में जाना उनका दुस्साहस था या उनके चाचा ने एकसाथ कई चालें चलने के लिए उन्हें विरोधी खेमे में उतार दिया था।

किसी भी राजनीतिक दल के सरकार न बना पाने के कारण राज्य में 12 नवंबर से 23 नवंबर तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा।

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कोश्यारी से कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्यों को बुधवार शाम पांच बजे तक शपथ दिला दी जाए।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More