महिलाओं को तरक्की का मूल मंत्र दे रही हैं ये सुपर Women
महिलाएं आज हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल चुकी हैं। वे खुद अपनी मेहनत से अपने सपने पूरे करती हैं। कुछ ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है इन महिलाओं ने, जिन्होंने लाखों लोगों के सपने को हकीकत में जीकर दिखाया है। महिलाओं को आगे बढ़ने का मूल मन्त्र दे रही हैं ये सफल बिजनेस वुमन।
नैना लाल किदवई
दुनिया के बड़े व्यापारियों में गिनी जाने वाली नैना 2015 में एचएसबीसी की डायरेक्टर के पद से रिटायर हुई हैं। नैना का कहना है कि काम के दौरान, जब भी मै अपने कमरे से वॉशरूम जाने के लिए उठती, ऑफिस के लड़के इसे अवसर की तरह लेते और मुझसे बात करके संपर्क बढ़ाने का प्रयास करते। उनका बस चलता तो शायद वो पीछे-पीछे वाशरूम में भी चले जाते। हालांकि औरतों को मैंने ऐसा करते कम ही देखा है। वो अक्सर अपने मैनेजमेंट के लोगों को जानने के लिए या संपर्क बढ़ाने के लिए पहल नहीं करती हैं। इससे पता चलता है कि महिलाएं कई बार अवसरों को पहचानने में चूक जाती हैं, वहीं पुरुष कहीं भी अवसर का उपयोग करना नहीं छोड़ते। मैं महिलाओं को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करूंगी, इससे फर्क पड़ता है।
पद्मश्री वारियर
पद्मश्री वारियर तकनीक के क्षेत्र में सबसे सफल महिलाओं में से एक हैं। वो कई सालों तक सिक्को में चीफ टेक्नोलॉजी अफिसर के पद पर कार्यरत रही हैं। हालहि में उन्हें एक चीनी फर्म का सीईओ नियुक्त किया गया है। इनका कहना है कि ये सच है कि कई बार औरतों को पक्षपात का सामना करना पड़ता है, कई ऐसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो कभी पुरुषों के आगे नहीं आती। उन्हें कई बार करियर और परिवार में से किसी एक का चुनाव करना पड़ता है। ऐसे मौहौल में हमें एक सपोर्ट सिस्टम की जरुरत है। औरतें खुद एक-दूसरे का सपोर्ट सिस्टम बन सकती हैं। जो औरतें उच्च पदों पर हैं, उन्हें अन्य महिलाओं की भी मदद करनी चाहिए।
रूचि सांघवी
रूचि सांघवी फेसबुक की पहली महिला इंजीनियर हैं जिन्होंने ड्रॉपबॉक्स का नेतृत्व किया। ये दुनिया के सबसे जाने-माने टेक व्यवसाइयों में गिनी जाती हैं। कॉलेज के बाद रूचि को न्यूयॉर्क की एक बैंक में मैथ मॉडलिंग करने की नौकरी मिली थी। जब उन्होंने देखा उन्हें काम करने के लिए ऑफिस में एक छोटा कबिक्ल दिया गया था, उन्हें लगा कि वो इससे बेहतर के लायक हैं, तो उन्होंने वहां से जाने का मन बना लिया और कैलिफोर्निया चली आईं। वहां उन्होंने ओरेकल में 4 महीने काम किया और फिर नई संभावनाओं की तलाश में फेसबुक ज्वाइन कर लिया। वो कहती हैं कि संभावनाओं को खोजने के लिए रिस्क लेना पड़ता है और इससे डरना नहीं चाहिए।
कनिका टेकरीवाल
कनिका टेकरीवाल ने जेट-सेट-गो की शुरुआत की, यह एक चार्टर्ड फ्लाइंग सर्विस है। 20 साल की उम्र के आस-पास ही उन्हें कैंसर हो गया था। फिर भी वो रुकी नहीं और आगे बढ़ती रहीं। उन्होंने अपनी बीमारी को कभी अपने रास्ते की रुकावट नहीं बनने दिया। वो सबकुछ जो वो पाना चाहती थी उन्होंने पाया है। आज लाखों महिलाओं की प्रेरणाश्रोत हैं।
अमीरा शाह
अपने पापा की पैथोलॉजिकल लैब को इन्होंने एक ग्लोबल फर्म , मेट्रोपोलिस बना दिया। जब वो यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास , यूएस से पढ़ कर लौटी, तो उनके दिमाग में एक साफ लक्ष्य था, उनके पिता की पैथोलॉजिकल लैब को एक बड़े बिसनेस में तब्दील करना। ये आसान बिलकुल नहीं था। ऐसे वक्त आते हैं, जब एक औरत होने के नाते आपको चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। अनिश्चितता हमेशा बिसनेस में बनी रहती है, इससे निपटना सीखें।
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