जानें राहुल गांधी के रायबरेली पहुंचने की तीन बड़ी वजह ?

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बीते लम्बे समय से उत्तर प्रदेश की दो हाईप्रोफाइल सीट अमेठी और रायबरेली पर कांग्रेस के उम्मीदवार को लेकर चर्चा चल रही थी, लेकिन बीते शुक्रवार को इस सस्पेंस को विराम देते हुए कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी को रायबरेली और अमेठी से अपने करीबी माने जाने वाले केएल शर्मा को प्रत्याशी बनाया था. इस फैसले के सामने आते ही भाजपा के नेताओं ने कांग्रेस पार्टी और खासकर राहुल गांधी को आड़े हाथ लेना शुरू कर दिया और जमकर तंज कसते नजर आए. ऐसे में जब यह मजाक का मुद्दा बनता जा रहा है. आइए जानते हैं कि आखिर कांग्रेस के गढ माने जाने वाले अमेठी से आखिरकार राहुल गांधी को क्यों प्रत्याशी नहीं बनाया गया और क्या है राहुल गांधी के रायबरेली पहुंचने की तीन बड़ी वजह ?

राहुल गांधी के रायबरेली पहुंचने की तीन बड़ी वजह ?

पहली वजह

दरअसल, यूपी में सपा और कांग्रेस का गठबंधन है, ऐसे में सपा ने कांग्रेस को 17 सीट दी है, जिनमें रायबरेली और अमेठी को भी शामिल किया गया है. वही जब बात सीट शेयरिंग की आती है तो, अखिलेश यादव ने शर्त रख दी थी कि, राहुल और प्रियंका में से एक न एक यूपी से चुनाव लड़ेगा.

दूसरी वजह

साल 2019 के अमेठी चुनाव में राहुल गांधी को लगभग 55 हजार वोटों से हार मिली थी, इस बार भी जीत का मौका आधा ही नजर आ रहा था. इस बार कांग्रेस नेतृत्व ने राहुल को अमेठी की जगह रायबरेली से उतारा क्योंकि उनकी सीट अधिक सुरक्षित है.

तीसरी वजह

राहुल गांधी को अमेठी से चुनाव जीतने पर वायनाड या अमेठी में से एक को चुनना मुश्किल होगा होता. ऐसे में राहुल ने वायनाड को तब स्वीकार था जब अमेठी जो की कांग्रेस की पारंपरिक सीट रही है, उसने उन्हें नकार दिया था.

ऐसे में अगर राहुल गांधी को दोनों सीटों पर जीत मिलने पर किसी एक को चुनना आसान होगा, वह वायनाड को अपने पास रख सकते हैं और उप चुनाव में प्रियंका गांधी को रायबरेली की कमान सौंप सकते हैं. जबकि अमेठी में उपचुनाव होना बहुत मुश्किल होगा.

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राहुल के रायबरेली पहुंचे पर क्या बोली वायनाड की जनता ?

लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने के फैसले को केरल के वायनाड को लोगों से मिली जुली प्रतिक्रियां मिली है. इसमें लोग कह रहे हैं कि, उनके लिए रायबरेली से चुनाव लड़ना गलत नहीं है, वही दूसरी तरफ कुछ लोग कह रहे है कि, यह कदम कांग्रेस के लिए नुकसानदेय हो सकता है. दरअसल, वायनाड सीट पर आगामी 26 अप्रैल को मतदान हुए थे, इस बार वायनाड में उनका सामना सीपीआई नेता एनी राजा और राज्य बीजेपी अध्यक्ष के. सुरेंद्रन से है.

वायनाड में एक सड़क किनारे की दुकान पर एक व्यक्ति ने कहा कि, राहुल गांधी के दो सीटों से चुनाव लड़ने के निर्णय में कोई बुराई नहीं है. दूसरे ने कहा कि, अगर राहुल गांधी दोनों सीटों पर जीत हासिल करता है, तो वह वायनाड सीट को खाली कर देगा. हमारे हित में राहुल गांधी ऐसा नहीं करेगा. फिर भी हमें प्रतीक्षा करना चाहिए.

 

 

 

 

 

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