कोचिंग सेंटर में नहीं मिला दाखिला, खुद के दम पर बने IAS टॉपर

0

अक्सर वो लोग इतिहास रचते हैं जिनकी जिंदगी मुश्किलों और कठिनाइयों से भरी होती है। क्योंकि कहते हैं ‘लहरों से डरकर कभी नौका पार नहीं होती, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती’ इस कहावत में कितनी सच्चाई है उसका अंदाजा आप इस शख्स के बारे में जानकर लगा सकते हैं।

आंध्र प्रदेश के UPSC टॉपर गोपालकृष्ण रोनांकी की आर्थिक स्थिति बहुत खराब थी। उनके माता-पिता पढ़े लिखे नहीं हैं और खेत में मजदूरी करते थे। उनकी मां का सपना था कि उनका बेटा अच्छे स्कूल में पढ़े, लेकिन घर के हालात की वजह से गोपाल सरकारी स्कूल में ही पढ़ सके।

12वीं पास करने के बाद घरवालों के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे गोपाल को किसी अच्छे कॉलेज में पढ़ने के लिए भेज सकें, इसलिए गोपाल को मजबूरी में डिस्टेंस मोड से ग्रेजुएशन पूरा करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने एक सरकारी अध्यापक की नौकरी मिल गई। लेकिन गोपालकृष्ण को कुछ अलग करना था इसलिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और अपने सपनों को पूरा करने के लिए हैदराबाद का रुख कर लिया।

हौदराबाद आकर उन्होंने सिविल परीक्षाओं की तैयारी के लिए कोंचिंग करने की सोची, लेकिन तेलुगूभाषी होने की वजह से उनके लिए किसी भी कोचिंग में कोई जगह नहीं मिली। क्योंकि जितनी भी कोचिंग संस्था थी वो सब इंग्लिश में थी यो तो हिंदी में। जिसके बाद गोपाल ने खुद से तैयारी करने की सोची और निकल पड़े अपने सपनों की उड़ान को जान देने के लिए।

Also read : ‘जमुना’ की जिद जंगलों को बचाने की

सही मार्गदर्शन न मिल पाने के कारण उन्हें नुकसान भी हुआ और पहले तीन प्रयासों में उन्हें सफलता नहीं मिली। लेकिन फिर भी वह अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए डटे रहे। गोपाल ने मेंस परीक्षा के लिए तेलुगू साहित्य को अपना वैकल्पिक विषय चुना था और इतना ही नहीं उन्होंने इंटरव्यू के लिए भी तेलुगू को चुना।

यूपीएससी ने उन्हें तेलुगू में इंटरव्यू करने की इजाजत दी और एक तेलुगू दुभाषिये की बदौलत उन्हें निडरता से इंटरव्यू दिया। गोपाल सिविल सेवा में सेलेक्ट हो गए और उसी दिन से उनके परिवार पर मंडरा रहे गरीबी और मुश्किलों के बादल भी छंट गए।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More