अंतरिक्ष यात्रियों के लिए तैयार खास व्यंजन, एक साल तक रहेगा खाने लायक
गगनयान में जाने वाले अंतरिक्ष यात्रियों के लिए डिफेंस फूड रिसर्च लैबोरेटरी (DFRL) ने विशेष प्रकार के पौष्टिक भारतीय व्यंजन तैयार किए हैं। इससे अंतरिक्ष यात्री सेहतमंद रहेंगे और उन्हें ऊर्जा भी मिलेगी।
Defence Expo में DFRL ने पौष्टिक व्यंजनों की कई किस्में प्रदर्शित की हैं। इन किस्मों को गगनयान में अंतरिक्ष यात्रियों में साथ भेजा जाना है, ताकि वे सेहतमंद रहें और उन्हें ऊर्जा मिलती रहे।
हिंदुस्तानी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए ऐसा खाना तैयार किया गया है, जो उन्हें अनोखा स्वाद देगा। उन्हें भोजन के साथ टेस्ट मेकर मसाले के पैकेट भी दिए जाएंगे।
गगनयान मिशन में अंतरिक्ष यात्रियों को 60 किलोग्राम सूखा राशन और 100 लीटर पानी भी दिया जाएगा। मिशन के दौरान यात्रियों को खाने के लिए भोजन यहीं से भेजा जाएगा।
इन तैयार व्यंजनों को अब जांच के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) भेजा जाना है। यह खाना विशेष डिस्पोजल पैकेजिंग मैटेरियल में पैक किया गया है, ताकि यह भोजन दूषित न हो।
अंतरिक्ष यात्रियों को पैकेट फूड के अलावा न्यूट्रिशन बार, बादाम, गरी आदि भी दिए जाएंगे ताकि ब्रेक के दौरान वे इसे स्नैक के तौर पर खा सकें।
पैकिंग और बनाने में विशेष तकनीक का इस्तेमाल-
DFRL वैज्ञानिक ओपी चौहान ने बताया, ‘हमारी प्रयोगशाला में तैयार ये खास भोजन लगभग एक साल तक खाने लायक रहते हैं। इसकी पैकिंग और बनाने में विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। चटनी के लिए विशेष प्रकार के पाउडर बनाए गए हैं। जरूरत के हिसाब से ही उन्हें खाना मिलेगा। सॉफ्टी कटोरी और चम्मच भी बनाए गए हैं, जिन्हें भोजन के बाद चबाकर खाया जा सकता है। हम लोग प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करते।’
डिफेंस एक्सपो में ये व्यंजन बड़ी सावधानी से चुने गए। इन व्यंजनों में ब्रेड को नहीं चुना गया है। ब्रेड अंतरिक्ष में बिखर सकती है। इसके अलावा यात्रियों को कैलोरी कितनी देनी है, इसका भी ध्यान रखा गया है। इन व्यंजनों में एग रोल, वेज रोल, मूंग दाल का हलवा, समेत दर्जन से भी ज्यादा व्यंजनों को शामिल किया गया है। इसके अलावा एक फूड हीटर भेजा जाएगा, जो अंतरिक्ष यात्रियों को गर्म रखेगा।
DFRL ने इन यात्रियों के लिए विशेष कंटेनर बनाए हैं, जिसका इस्तेमाल पानी और जूस रखने के लिए कर पाएंगे। अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण शून्य होती है, इस लिहाज से सारी व्यवस्था की गई है।
यह भी पढ़ें: अंतरिक्ष में हुई दुर्घटना तो जान बचाएंगे कैप्सूल, इसरो ने किया सफल परीक्षण
यह भी पढ़ें: भारत के ‘मिशन शक्ति’ से अंतरिक्ष में फैला कचरा : NASA