एलन मस्क की कंपनी SpaceX ने 27 फरवरी को NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर से IM-2 Mission (Intuitive Machines) को सफलतापूर्वक लांच किया. इस मिशन में फाल्कन 9 रॉकेट का उपयोग किया गया, जो नासा के पेलोड के साथ एथेना लैंडर को चंद्रमा तक पहुंचाने के लिए भेजा गया है. मिशन के तहत 6 मार्च को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास इसके लैंडिंग की संभावना है.
तीसरा चंद्र मिशन
यह साल 2025 का तीसरा चंद्र मिशन (Moon mission) है. इसकी लॉन्चिंग फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से गुरुवार सुबह 5:46 बजे हुई. इस मिशन का मुख्य उद्देश्य चंद्रमा के वातावरण का अध्ययन करना और वहां इंसानों के रहने की संभावनाओं को तलाशना है.
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नासा ने दी मिशन को लेकर प्रतिक्रिया
मिशन लांच से पहले नासा के साइंस मिशन प्रमुख निकी फॉक्स ने इसे एक “अद्भुत समय” करार दिया. उन्होंने कहा कि इस मिशन को लेकर काफी उत्साह और ऊर्जा है.
एथेना लैंडर की विशेषताएं
लंबाई: 15 फीट (लगभग 4.7 मीटर)
लैंडिंग स्थान: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव से करीब 100 मील दूर
मिशन का उद्देश्य: चंद्रमा की सतह, मिट्टी, बर्फीले पानी और अन्य संसाधनों की खोज
वैज्ञानिक उपकरणों के जरिए होगी चंद्रमा की जांच
IM-2 मिशन में कई वैज्ञानिक उपकरण भेजे गए हैं, जो अलग-अलग अनुसंधान करेंगे.
1. इंट्यूटिव मशीन्स माइक्रो-नोवा हॉपर – चंद्रमा के अंधेरे क्रेटरों की जांच करेगा.
2. PRIME 1 (पोलर रिसोर्सेज आइस माइनिंग एक्सपेरिमेंट) – सतह पर बर्फ और पानी की खोज करेगा.
3. लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे – चंद्रमा की सतह का माप और मैप तैयार करेगा.
4. लूनर ट्रेलब्लेजर स्पेसक्राफ्ट – चंद्रमा की कक्षा से वहां मौजूद पानी का मैप तैयार करेगा.
5. मून मोबिल ऑटोनॉमस प्रॉस्पेक्टिंग प्लेटफॉर्म रोवर – चांद की मिट्टी की जांच करेगा.
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मोंस मूटन क्षेत्र में परीक्षण
चंद्रमा पर अनुसंधान के लिए मोंस मूटन क्षेत्र को चुना गया है, जहां अंधेरे क्रेटरों पर रिसर्च की जाएगी. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यह मिशन चंद्रमा पर पानी और अन्य महत्वपूर्ण संसाधनों की खोज में मदद करेगा.
NASA ने 62 मिलियन डॉलर किए निवेश
IM-2 मिशन को सफल बनाने के लिए NASA ने 62 मिलियन डॉलर का निवेश किया है. यह मिशन नासा के कमर्शियल लूनर पेलोड सर्विसेज प्रोग्राम और आर्टेमिस प्रोग्राम का हिस्सा है, जो भविष्य में चंद्रमा पर मानव बसाहट के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा.