मानसिक रूप से विक्षिप्त मां के साथ बेटे ने की हैवानियत, देखें वीडियो..

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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक अमानवीय वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, इस वीडियो में मानसिक रूप विक्षिप्त मां को उसका बेटा बेरहमी से पीटता हुआ नजर आ रहा है. यह वायरल वीडियो पंजाब के रोपड़ जिले का बताया जा रहा है. 75 वर्षीय पीडित महिला आशा वर्मा अपने बेटे अंकुर वर्मा, बहू और पोते के साथ रोपड़ के जानकार जय सिंह नगर में रहती हैं. आशा मानसिक बीमारी का शिकार है. उनकी बेटी दीपशिखा ने स्थानीय पुलिस स्टेशन में अपने भाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। बताया कि, उसके भाई अंकुर ने मां के साथ शारीरिक शोषण करने और अमानवीय व्यवहार करता है। दीपशिखा ने लुधियाना में काम करने वाले एक सामाजिक कार्यकर्ता गुरप्रीत सिंह से भी सहायता मांगी।

बेटी ने मां को दिलाया इंसाफ

दीपशिखा द्वारा मांगी गयी मदद के बाद गुरप्रीत सिंह और उनका दल आशा वर्मा के घर पहुंचा और उन्हें बचाकर अस्पताल भर्ती कराया. इसके साथ ही दीपशिखा ने सबूत के रूप में अपनी मां के कमरे में लगे कैमरे से सीसीटीवी फुटेज प्राप्त किए, जिसमें उसके भाई का अपनी मां के साथ क्रूर व्यवहार करता देखा जा सकता है. यह फुटेज 2 अक्टूबर की है जिसमें दीपशिखा का भाई अंकुर वर्मा बिस्तर पर अपनी मां आशा वर्मा को पीटते हुए दिखाई देता है.

वीडियो में अंकुर अपनी मां के बालों को पकड़कर उसका सिर उठाकर उसके चेहरे पर थप्पड़ मारता है. इसके पहले के फुटेज में अंकुर का बेटा आशा के कमरे में आता है और उसके बिस्तर पर पानी डालता है, जैसा कि फुटेज में दिखाया गया है। फिर अंकुर अपने पिता को फोन करता है और कहता है कि, उनकी मां ने बिस्तर पर पेशाब कर दी है. इस बात से नाराज अंकुर अपनी मां को बेरहमी से पीटने लगता है.

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शिकायत तथा वीडियों के आधार पर बेटा गिरफ्तार

वीडियो देखने के बाद दीपशिखा ने पुलिस के पास शिकायत की। बताया कि उसके पास अपने भाई के घर में लगे सीसीटीवी का फुटेज मिला है, जिसमें उसका भाई अपनी मां के साथ दुर्व्यवहार करता नजर आ रहा है. इस मामले में आरोपित पुत्र अंकुर वर्मा को पुलिस ने आईपीसी की धारा 327 के तहत गिरफ्तार कर लिया है, कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया.

इस मामले में अंकुर की पत्नी और बेटे पर कोई आरोप नहीं लगाया गया था. इससे पहले, दीपशिखा के पिता, जो वकील थे, की अचानक मृत्यु हो गई. उसे याद आया कि, घटना वाले दिन उसने उससे वीडियो कॉल करके बातचीत की थी. हालांकि, एक घंटे बाद उसके पिता की अचानक मृत्यु की खबर आई। पीड़िता आशा वर्मा एक शिक्षिका थीं और उन्हें वर्तमान में लगभग 35,000 से 40,000 रुपये की पेंशन मिलती है।

इस घटना के प्रकाश में आने के बाद रोटरी क्लब और रोपड़ बार एसोसिएशन ने अंकुर वर्मा को अपनी सदस्यता से बाहर कर दिया। साथ ही, उनके खिलाफ साथी वकीलों और अन्य संबंधित लोगों ने विरोध प्रकट किया है।

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